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नई दिल्ली, मार्च 2025 – डीजेजेएस संतुलन ने अपने वार्षिक 'स्वाभिमान' अभियान के ज़रिए एक बार पुनः पूरे भारत में महिला सशक्तिकरण की आवाज़ बुलंद की। यह अभियान 1 मार्च से 31 मार्च 2025 तक देशभर में मनाया गया। इस वर्ष की थीम थी – “महिला सशक्तिकरण: समानता, न कि कट्टरता”, जिसमें बताया गया कि असली सशक्तिकरण बराबरी में है, न कि किसी एक पक्ष को बड़ा मानने में। 

DJJS Santulan Conducted Pan-India International Womens Day Events in March 2025; Presented Womanhood as a Timeless Symbol of Strength and Divinity

यह अभियान दिल्ली, बिहार, भोपाल, दिव्य धाम, कड़कड़डूमा, पाथर्डी, अमृतसर, जयपुर, बेंगलुरु, लखनऊ, लातूर, चाकण, मेरठ, बरेली, जोधपुर, ग्वालियर, द्वारका, पिथौरागढ़, मोगा, डिब्रूगढ़, फिरोजपुर, एवं अन्य कई शहरों में चलाया गया। इसमें हर उम्र और वर्ग की महिलाओं ने भाग लिया। कई रोचक और जागरूकता बढ़ाने वाली गतिविधियों के ज़रिए यह कार्यक्रम एक आंदोलन बन गया।

 

DJJS Santulan Conducted Pan-India International Womens Day Events in March 2025; Presented Womanhood as a Timeless Symbol of Strength and Divinity

मुख्य कार्यक्रम:

● साहस कलश – इसमें महिलाओं ने अपने जीवन की सबसे बड़ी सफलता और असफलता लिखीं। इससे उन्होंने सीखा कि हर अनुभव हमें आगे बढ़ाता है। 

● जनमत सर्वेक्षण: मिथक बनाम तथ्य - इस गतिविधि में महिलाओं को बताया गया कि समाज में फैली कई बातों में सच्चाई नहीं होती और हमें सोच-समझकर मानना चाहिए। 

● स्वाभिमान: क्या, क्यों और कैसे – इसमें कुछ सफल महिलाओं ने अपनी ज़िंदगी की कहानियां साझा कीं और बताया कि आत्म-सम्मान क्यों ज़रूरी है। 

● शिव-शक्ति: नर और नारी ऊर्जा का मेल – एक बहुत अच्छी बात जिसमें समझाया गया कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए पुरुष और महिला दोनों की ऊर्जा बराबर ज़रूरी है। 

● वास्तविक कहानियां – पीढ़ियों की जुबानी – इसमें तीन पीढ़ियों की महिलाओं (Gen X, Gen Y, Gen Z) ने अपने सशक्तिकरण की असली कहानियां सुनाईं। 

● तुममें भी है मीरा और झांसी की रानी – रंगारंग नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के ज़रिए ऐतिहासिक बहादुर महिलाओं को सम्मान दिया गया। 

 

इस कार्यक्रम में अपने-अपने क्षेत्रों में साहस और सफलता की ऊंचाइयों को छूने वाली आदर्श महिलाओं को ‘संतुलन स्वाभिमानी नारी अवार्ड’ से सम्मानित भी किया गया।

पूरा महीना महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया। इस अभियान ने बताया कि सशक्तिकरण मतलब है – आत्मविश्वास, बराबरी और मिलकर आगे बढ़ना। 

'स्वाभिमान' 2025 ने यह साबित किया कि सशक्तिकरण कोई एक दिन का काम नहीं, बल्कि यह एक लंबी यात्रा है जिसमें हर दिन सीखने और आगे बढ़ने का मौका होता है। डीजेजेएस संतुलन इस यात्रा को और भी सुंदर, सशक्त और सभी के लिए फायदेमंद बनाने में लगा हुआ है। 

डीजेजेएस एक ऐसी संस्था है जो पूरी दुनिया में भाईचारा, शांति और सामाजिक सुधारों के लिए काम करती है। यह संस्था शिक्षा, नशा मुक्ति, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, गायों की देखभाल, आपदा प्रबंधन और कैदियों व दिव्यांगों की मदद जैसे कार्यो में सक्रिय है। संतुलन खासतौर पर महिलाओं को आध्यात्मिक शक्ति देकर उन्हें आत्मनिर्भर और मजबूत बनाने का काम कर रहा है, ताकि वे आज की दुनिया की वैदिक नारी बन सकें।

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