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आरोग्य – सम्पूर्ण स्वस्थ्य प्रकल्प के अंतर्गत, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा श्वाँस से सम्बंधित रोगियों के लिये विशेष तोर पर “शरद पूर्णिमा आयुर्वैदिक उपचार शिविर” का आयोजन 24 अक्टूबर 2018, बुधवार, रात्रि 7  बजे से सुबह 5 बजे तक किया गया। इस शिविर में दमा, पुरानी खांसी, नजला, श्वाँस से सम्बंधित अन्य रोगों के इलाज़ हेतु वेदिककालीन आयुर्वैदिक पद्दति द्वारा निर्मित औषधियुक्त खीर रोगियों को खिलाई जाती है। पिछले डेढ़ दशक से प्रति वर्ष हज़ारों लोग इन शिविरों के  माध्यम से लाभान्वित होते रहे हैं। प्रत्येक वर्ष कि भांति इस वर्ष भी संस्थान ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटका एवं उत्तर प्रदेश में स्थित विभिन्न आश्रमों में इस शिविर का आयोजन किया :

DJJS Sharad Purnima Ayurvedic Treatment Camps extends cure for Asthma
  • नूरमहल, पंजाब
  • डबवाली मल्कों की, पंजाब
  • दिव्यधाम आश्रम, दिल्ली
  • कुरुशेत्र,  हरियाणा
  • बेंगलुरु , कर्नाटक
  • जयपुर , राजस्थान
  • देहरादून , उत्तराखंड
  • पिथोरागढ़,  उत्तराखंड
  • चाकन , महाराष्ट्र
  • नागपुर , महाराष्ट्र
  • अमरावती , महाराष्ट्र
  • लातूर , महाराष्ट्र
  • पाथर्डी, महाराष्ट्र
  • सहरसा , बिहार
  • भोपाल , मध्य प्रदेश
  • नसरूल्लागंज, मध्य प्रदेश
  • ग्वालियर,  मध्य प्रदेश
  • गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
  • बरेली, उत्तर प्रदेश

अश्विन मास की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली शरद पूर्णिमा को चंद्रमा पृथ्वी के सर्वाधिक नजदीक होने के कारण इसकी  किरणों का प्रभाव अमृत तुल्य होता है। आयुर्वेदाचार्य भी इस बात की पुष्टि करते है कि शरद पूर्णिमा में शरीर, मन और आत्मा को सुद्रढ़ करनें वाले औषधीय गुण होते हैं। इसी कारण पुरे दिन उपवास रखकर रात में, खुली चांदनी में मिट्टी या चांदी के बर्तन में पकाई एवं रखी गई खीर का सेवन किया जाता है। यह खीर सर्दियों की शूरुवात के साथ बढ़ने वाले पित रोग के प्रभाव को शांत करती है। शिविर में उपस्थित लोगों को आयुर्वैदिक चिकित्सक ने जागरूक करते हुए बताया कि शरद पूर्णिमा की रात आयुर्वैदिक औषधियुक्त खीर का सेवन करने और साथ में उचित परहेज रखने से दमा, खांसी व अन्य श्वांस सम्बंधित रोग हमेशा के लिये दूर हो जाते हैं। साथ ही संस्थान के प्रतिष्ठित प्रचारकों ने इस दिन के महान आध्यात्मिक महत्व से अवगत कराया और इसलिए संस्थान प्रतिवर्ष इस त्यौहार के आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और चिकित्सीय गूणों को पुनर्जीवित करने के आशय से इस शिविर का आयोजन करता है

इस वर्ष भी शिविर में बड़ी संख्या में पुरुषों, महिलाओं, बच्चों और नियमित रूप से आने वाले लाभार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुवात सामूहिक प्रार्थना और भजन के साथ की गई। रात भर जागने की व्यवस्था हेतु  सांस्कृतिक व आध्यात्मिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गए। साथ ही मरीजों को आयुर्वैदिक दवाओं के समग्र लाभ पर भी जागरूक किया गया। आयुर्वैदिक डॉक्टरों द्वारा सभी रोगों के लिये मुफ्त परामर्श और बुनयादी स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई गयी।

DJJS Sharad Purnima Ayurvedic Treatment Camps extends cure for Asthma

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