बच्चे किसी भी उज्जवल भविष्य की नींव होते हैं, और उनके प्रारंभिक वर्षों का सम्पूर्णविकास अत्यंत आवश्यक होता है। जब शिक्षा को नैतिक मूल्यों, आध्यात्मिक ज्ञान, रचनात्मकता और अनुभवात्मक सीख से जोड़ा जाता है, तब वह बाल मन कोआत्मविश्वासी, संवेदनशील और जागरूक बना देती है। हर बच्चे में छुपी महान संभावनाओंको समझते हुए, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) ने 5 से 8 जून 2025 तकग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान पंजाब के तरन तारन क्षेत्र में एक ऊर्जायुक्त एवंपरिवर्तनकारी “समर उत्सव” का आयोजन किया।

इस शिविर में विभिन्न आयु वर्गों के बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, सभी कुछ नयासीखने और आगे बढ़ने के लिए आतुर थे। दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापकएवं संचालक, डीजेजेएस) की कृपा से यह आयोजन न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता कोबढ़ावा देने पर केंद्रित रहा, बल्कि आत्मबल, अनुशासन और आध्यात्मिक ज्ञान की ज्योतिको प्रज्वलित करने का माध्यम भी बना।
शिविर का मुख्य आकर्षण डीजेजेएस के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए प्रेरणादायी व्याख्यानरहे, जिनमें एकाग्रता, करुणा, आत्म-अनुशासन और जीवन के उच्चतम उद्देश्य जैसे मूल्योंपर गहन प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि सच्ची शिक्षा वही है, जिसकीनींव ब्रह्मज्ञान पर आधारित हो। ब्रह्मज्ञान - आत्मबोध का वह व्यवहारिक ज्ञान है जो जीवनमें वास्तविक परिवर्तन और आंतरिक जागरण की दिशा में मार्ग प्रशस्त करता है।

व्याख्यानों के साथ-साथ, बच्चों का संपूर्ण विकास करने वाली गतिविधियों का भीआयोजन किया गया। योग और ध्यान सत्र आयोजित किए गए ताकि शारीरिक स्वास्थ्यबढ़े और मानसिक शांति और जागरूकता का विकास हो। सामूहिक खेल से टीमवर्क, ध्यान केंद्रित करने और खेल भावना का विकास हुआ, वहीं नृत्य प्रस्तुतियाँ और सांस्कृतिकगतिविधियाँ बच्चों की रचनात्मकता और आत्मविश्वास को उजागर करने का सशक्त मंचबनीं।
अभिभावकों ने इस शिविर की समग्रता एवं हृदयस्पर्शी पद्धति के लिए डीजेजेएस का हृदयसे आभार व्यक्त किया। बच्चे केवल मन का रंजन ही नहीं बल्कि आत्मा का रंजन भी करकेलौटे। वे आत्मिक रूप से समृद्ध, भावनात्मक रूप से संतुलित और अपने अंतर्निहित सामर्थ्यव सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति अधिक सजग होकर लौटे।
शिविर का समापन लाइव सामूहिक प्रस्तुतियों और एकता, परिवर्तन एवं आंतरिक जागृतिके एक अलौकिक संदेश के साथ हुआ, जिसने हर दिल पर एक अमिट छाप छोड़ी। “समरउत्सव” द्वारा मूल्यनिष्ठ शिक्षा, आध्यात्मिक उत्थान और भावी पीढ़ी के चरित्र निर्माण कीदिशा में एक अटूट संकल्प दोहराया गया और इस अभूतपूर्व सफलता ने डीजेजेएस कीमूलभूत प्रतिबद्धता को पुनः सिद्ध किया।