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भगवान शिव के तत्त्व रूप को उजागर करने व जन-जन को ‘शिव तत्व’ के शाश्वत मूल्यों के साथ जोड़ने हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की कड़कड़डूमा शाखा द्वारा दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में 14 से 20 सितंबर 2025 तक शाहदरा, दिल्ली में भव्य ‘भगवान शिव कथा’ का आयोजन किया गया। भगवान शिव की महिमा का रसपान करने हेतु कार्यक्रम में भक्तों, साधकों व श्रद्धालुओं की भारी संख्या में उपस्थिति देखी गई।

Eternal Science of Shiv tattva revealed at Bhagwan Shiv Katha organized by DJJS at Shahdara, Delhi

डॉ सर्वेश्वर जी ने अपने ज्ञानवर्धक प्रवचनों में शास्त्रों से सुंदर कथाओं का वर्णन किया। उन्होंने भगवान शिव की जटाओं से पवित्र गंगा का उद्भव, समुद्र मंथन के दौरान नीलकंठ प्रसंग का महत्व, और भगवान शिव व देवी पार्वती के विवाह प्रसंग जो ऊर्जा (शक्ति) व चेतना (शिव) के मिलन का प्रतीक है, इत्यादि प्रसंगों का विस्तारपूर्वक व्याख्यान किया। उन्होंने समझाया की भगवान शिव का तत्व रूप शाश्वत है, समय और स्वरूप से परे, जिसे ब्रह्मज्ञान द्वारा प्रत्येक हृदय के भीतर सुलभता से पाया जा सकता है।

डॉ सर्वेश्वर जी ने समझाया कि तनाव, संघर्ष व नैतिक पतन के इस आधुनिक युग में भगवान शिव की ध्यान-साधना ही मानव जीवन में शांति व स्थिरता स्थापित कर सकती है। उन्होंने आगे समझाते हुए कहा कि अनुष्ठान और चढ़ावे तभी सार्थक होते हैं जब व्यक्ति दिव्य ज्ञान के शाश्वत विज्ञान ‘ब्रह्मज्ञान’ के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार की आंतरिक यात्रा पर अग्रसर होता है।

Eternal Science of Shiv tattva revealed at Bhagwan Shiv Katha organized by DJJS at Shahdara, Delhi

कथा में भगवान का दर्शन करवाने में ‘सतगुरु’ की अपरिहार्य भूमिका पर प्रकाश डाला गया। दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की शिक्षाओं से प्रेरित होकर डॉ सर्वेश्वर जी ने समझाया कि जहाँ शास्त्र महादेव की महिमा का गुणगान करते हैं, वहीं एक साधक किसी तत्त्ववेत्ता गुरु की कृपा से अपने भीतर भगवान शिव का साक्षात दर्शन कर सकता है। यह आंतरिक जागरण ही मानव जीवन का परम उद्देश्य है व शाश्वत आनंद और मुक्ति का प्रवेश द्वार है। उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों से आध्यात्मिक मार्ग की सबसे बड़ी बाधाओं, अज्ञान व अहंकार का त्याग कर विनम्रता, भक्ति व समर्पण विकसित करने का आग्रह किया।

शाहदरा, दिल्ली में आयोजित ‘भगवान शिव कथा’ को स्थानीय प्रेस व मीडिया में विशेष उल्लेख प्राप्त हुआ। कई समाचार पत्रों व डिजिटल मीडिया चैनलों ने कार्यक्रम की भव्यता व उसके द्वारा दिए गए आंतरिक जागृति के प्रेरणादायक संदेश को प्रमुख रूप से प्रचारित किया। कथा का समापन ‘हर हर महादेव’ के जयघोष के साथ हुआ, जिसने सम्पूर्ण वातावरण में शांति व सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया। उपस्थित श्रद्धालु प्रबुद्ध मन, आनंदित हृदय व आध्यात्मिक रूप से जागृत जीवन जीने के एक नए संकल्प के साथ पंडाल से विदा हुए।

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