“अंतरक्रांति”– बंदी सुधार और पुनर्वास कार्यक्रम का लक्ष्य विभिन्न गतिविधियों व प्रयासों द्वारा कैदियों के जीवन में सुधार लाना है। इसी श्रृंखला में 4 जून 2018 को महिला जेल, सेंट्रल जेल नंबर 6, तिहाड़ जेल, दिल्ली में एक सशक्त जीवन हेतु स्वस्थ व संतुलित मस्तिष्क की उपयोगिता पर एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया था।
“Life through naturopathy and Ayurveda” विषय पर वार्ता करने हेतु डॉ.गारिमा ठाकुर (बी.ए.एम.एस., एन.डी.डी.वाई) पंचकर्मा और नाड़ीज्ञान विशेषज्ञ को आमंत्रित किया गया था। समारोह में साध्वी जया भारती जी (वरिष्ठ प्रतिनिधि, अंतरक्रांति, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान) भी उपस्थित रही।
डॉ. गारिमा ने आयुर्वेद, एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर में उपयोग की जाने वाली विभिन्न उपचार विधियों के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने कैदियों को नियमित रूप से शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए अनेक महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने पूरे दिन सकारात्मक ऊर्जा के लिए ध्यान और योग के साथ दिन शुरू करने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने मौसम और समय के अनुसार खाद्य पदार्थों को सही अनुपात में लेने के रोचक और महत्वपूर्ण बातों के प्रति जागरूक किया।
डॉ. गारिमा ने कैदियों को भी परामर्श प्रदान किया। उन्होंने कैदियों को एक अनुशासित जीवनशैली अपनाते हुए नियमित रूप से ध्यान का अभ्यास करने के लिए भी प्रेरित किया। ध्यान किसी की विचार प्रक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है और इसे सकारात्मकता की दिशा में निर्देशित करता है जो जेलों के वातावरण में शांतिपूर्ण व प्रसन्ता से जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है।
सत्र के दौरान विभिन्न योगासन, प्राणायाम और एक्यूप्रेशर तकनीकों को भी सिखाया गया।
इस सत्र 30 महिला कैदियों ने भाग लिया।