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प्रिय वैदिक अनुराक्तों,

Here, there and everywhere: DJVM expands its horizons to Dakshina Bharata

जैसा की आप सभी को @djvmvedmandir के समस्त सोशल मीडिया हैंडल्स से विदित है, दिव्य ज्योति वेद मन्दिर हाल ही में दक्षिण भारत के दौरे पर था।

इस यात्रा में दिव्य ज्योति वेद मन्दिर की वैश्विक कार्यकारिणी अध्यक्षा, साध्वी दीपा भारती जी समेत साध्वी उन्मेषा भारती जी, साध्वी ऋतु भारती जी, साध्वी निशंका भारती जी तथा दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के कार्यकर्ता सम्मिलित हुए। इस यात्रा में पूरी टीम ने ६००० km से अधिक क्षेत्रफल की दूरी तय करी व लगभग 8 शहरों का भ्रमण किया तथा प्रायः १० नदियों का दर्शन कर, अरब सागर के तट पर स्थित आध्यात्मिक केन्द्र उडुपी में अपनी यात्रा को विराम दिया।

Here, there and everywhere: DJVM expands its horizons to Dakshina Bharata

सूर्य की पहली किरण के साथ, बेंगलुरु महानगर से दिव्य ज्योति वेद मन्दिर ने अपनी यात्रा को आरंभ किया, उद्देश्य यह कि संगठित प्रयासों द्वारा वैदिक मूल्यों एवं संस्कारों का संरक्षण, संवर्धन, प्रचार व विस्तार।

हालाँकि इस विस्तृत यात्रा के प्रत्येक पहलू का विविरण करना कठिन है यद्यपि इस समाचार के माध्यम से निश्चित तौर पर सभी वैदिक संगोष्ठीयों का सार संक्षिप्त में उल्लेखित करने का प्रयास रहेगा। पश्चिमी घाट की पर्वत श्रृंखलाओं से लेकर अरब सागर के तट तक, दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के कार्यकर्ताओं ने वैदिक संगोष्ठियों में निम्नलिखित विशिष्ट अतिथियों से भेंट की-

बेंगलुरु

  1. अगमाचार्य डॉ. एस. सोम सुन्दर दीक्षित
    प्रधान अर्चकरू
    श्री गवि गंगाधरेश्वर देवस्थान, गविपुरम
  2. स्वामी नित्यस्थानन्द
    अध्यक्ष, श्री रामकृष्ण मठ, बेंगलुरु
  3. के सुरेश
    वैदिक विद्वान और YouTube- The Ghanapathi
  4. श्री बापू पद्मनाभ
    राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (2017)
    भारतीय फिल्म उद्योग
  5. श्री नागराज जी
    प्रसिद्ध साउंड मिक्सिंग इंजीनियर और प्रबंधक
    अरविंद स्टूडियो, बेंगलुरु
  6.  अपर्णा वास्तारे
    अभिनेत्री, वॉयस-ओवर कलाकार और रेडियो जॉकी
    भारतीय फिल्म उद्योग
  7. श्री एच.वी. अमरनाथ शर्मा घनपाठी
    प्रधान आचार्य
    श्री याज्ञवल्क्य वेद संस्कृत पाठशाला, शंकरमठ
  8. श्री सुकुमार उपाध्याय एम.एस.
    कृष्ण यजुर्वेद और संस्कृत अध्यापक
    मल्लिकार्जुन वेद संस्कृत पाठशाला, शंकरमठ 

मैसूर

  1. स्वामी मुक्तिदानन्द
    अध्यक्ष
    श्री रामकृष्ण आश्रम, श्री रामकृष्ण विद्याशाला, श्री रामकृष्ण नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा संस्थान (आरआईएमएसई), यादवगिरी,

ट्रस्टी, रामकृष्ण मठ,

सदस्य कार्यकरिणी समिति, रामकृष्ण मिशन, पश्चिम बंगाल

  1. स्वामी युक्तेशानंद जी महाराज
    कोरेस्पोंडेंट,

श्री रामकृष्ण विद्याशाला

  1.  डॉ. सीताराम एम.आर
    सर्जन और प्रबंधक
    एस.वी.वाई.एम विवेकानंद मेमोरियल अस्पताल

सुत्तूर

  1. जगद्गुरु श्री शिवरात्रि देशिकेंद्र महास्वामीजी
    २४वे पीठाध्यक्ष
    जगद्गुरु श्री वीरसिम्हासन महासंस्थान सुत्तूर मठ
    प्रशासनिक ब्लॉक, चामुंडीपुरम
  2. डॉ. एन. शशिशेखर प्रसाद दीक्षित
    प्रधान अर्चक
    श्री चामुंडेश्वरी देवस्थान, चामुंडी हिल्स
  3. एस. उमा शंकर घनपाठी
    राजपुरोहित,
    श्रीकांतेश्वर देवस्थान, नंजनगुडु,

कर्नाटक राज्य राज्योत्सव पुरस्कार विजेता
 

मांड्या

  1. श्री प्रभाकर अय्यर
    पुरोहित,
    श्री प्रसन्न मीनाक्षी श्रीचक्र समेत सोमेश्वर देवस्थान, मांड्या
     

दक्षिण कन्नड़

  1. डॉ. कादरी प्रभाकर भट्ट
    अर्चक और चतुर्वेद पाठक,
    कादरी श्री मंजूनाथ स्वामी देवस्थान, मेंगलुरु
  2. श्री केशव प्रसाद मुलिया
    अध्यक्ष, व्यवस्थापन समिति,
    श्री महातोभरा महालिंगेश्वर देवस्थान,
    पुत्तूर
  3. श्री कुंतारू रविश तंत्री
    चतुर्वेदी,
    श्री महातोभरा महालिंगेश्वर देवस्थान,
    पुत्तूर
  4. श्री काशीकोड़े सूर्यनारायण भट्ट
    सदस्य, कर्नाटक राज्य धार्मिक परिषद,
    पुत्तूर
  5. श्री विद्याप्रसन्न तीर्थ स्वामीजी
    ३८वे पीठाध्यक्ष,
    कुक्के श्री सुब्रमण्य स्वामी देवस्थान,
    सुब्रमण्य
  6. डॉ. एस. आनंद तीर्थ
    निदेशक, वेद व्यास संशोधन केंद्र
    कुक्के श्री सुब्रमण्य स्वामी देवस्थान,
    सुब्रमण्य
  7. श्री वी. के. नंदकिशोर
    पुरोहित, घनपाठी,
    कुक्के श्री सुब्रमण्य स्वामी देवस्थान,
    सुब्रमण्य
  8. श्री सोमेश्वर स्वामी देवस्थान, अग्रहारा
    कुक्के सुब्रमण्य

चिक्कमगलुरु

  1. शंकराचार्य श्री श्री विधुशेखर भारती महास्वामीजी
    ३७वे शंकराचार्य,
    श्री शृंगेरी शारदा पीठम्, शृंगेरी
  2. श्री आनंद
    निदेशक, श्री शंकर अद्वैत अनुसंधान केंद्र,
    श्री शृंगेरी शारदा पीठम्, शृंगेरी

 उडुपी

  1. श्री श्री विद्याधीश तीर्थ श्रीपाद
    ३१वे पीठाध्यक्ष,
    जगद्गुरु श्री मधवाचार्य मूल महासंस्थानम,
    श्री पलिमारू मठ
  2. श्री विद्यासागर तीर्थ स्वामीजी
    मठाधीश,
    श्री कृष्ण मठ देवस्थान
  3. डॉ वंशीकृष्ण आचार्य पुरोहित
    सह सचिव,
    तत्त्व संशोधन,
    संसत्, श्री पलिमारू हृषिकेश मठ

नंदी हिल्स

  1. अगमरत्न डॉ. टी.एन. नागराज शर्मा
    प्रधान अर्चक,
    श्री योगनंदीश्वर स्वामी देवालय
    जिला-अध्यक्ष, अखिल कर्नाटक अर्चक आगमिकारा, ओक्कुटा

नंदी हिल्स, चिक्काबल्लापुर

 

  1. श्री श्रीनाथ शर्मा
    पुरोहित,
    श्री भोगानंदीश्वर देवस्थान, श्री शिव पार्वती देवस्थान और श्री अरुणाचलेश्वर देवस्थान
    नंदी हिल्स, चिक्काबल्लापुर

वैदिक संगोष्ठी के रूप में इस वैदिक क्रान्ति के माध्यम से सभी विद्वत जनों तथा मठाधीशों ने संस्कृत, संस्कार व संकृति के प्रचार एवं प्रसार के लिए दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के साथ भविष्य में विभिन्न गतिविधियों में संलग्न होकर सहयोग की इच्छा व्यक्त की। साथ ही संस्थान के प्रचारकों ने सभी को ब्रह्मज्ञान का सन्देश भी दिया। दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की अनुकम्पा से यह गर्व और सम्मान का विषय है कि दक्षिण भारत में, जहां शुक्ल यजुर्वेद (माध्यान्दिन शाखा) का प्रचलन न्यून है, दिव्य ज्योति वेद मन्दिर ने अपने अथक प्रयासों के माध्यम से सभी के मानसपटल पर उल्लेखनीय छाप छोड़ी है।

संगोष्ठी को समापन की ओर ले जाते हुए, सभी ने वैदिक विरासत और उसके मूल्यों को संरक्षित करने के लिए विश्व भर में दिव्य ज्योति वेद मन्दिर व् दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की पहल का अभिवादन किया व अपना पूर्ण समर्थन दिया।

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