जहाँ विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का पाँचवा संकरण बड़े उत्साह से मनाया गया, वहां दिव्य ज्योति जागृति संस्थान (डीजेजेएस) ने अपने सम्पूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम ‘आरोग्य’ के तहत इस ऐतिहासिक दिन को मनाने के लिए बड़े पैमाने पर योग अभियान चलाया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र की थीम ‘पर्यावरण के लिए योग’ (Yoga for Climate Action) पर आधारित 'विलक्षण योग शिविरों’ का आयोजन देश-विदेश में अपनी शाखाओं द्वारा किया।
संस्था के संस्थापक और प्रमुख परम पूज्य आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में ‘विलक्षण योग शिविरों’ के माध्यम से संस्थान दशकों से भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में ‘योग’ को बढ़ावा दे रहा है। ये योग शिविर लोगों में योगासनों, योग क्रियाओं और प्राणायाम व ध्यान के महत्व और अभ्यास के लिए जागरूकता पैदा करने एवं प्रोत्साहित करने के लिए एक बेंचमार्क बन गए हैं। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान से जुड़े लाखों लोगों के लिए योग दिवस (IDY) एक गर्व का दिन है क्योंकि उनके लिए योग एक मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक प्रथा हैं, जिन्हें परम पूज्य आशुतोष महाराज जी के दिव्य अनुग्रह द्वारा आत्म बोध के शाश्वत विज्ञान 'ब्रह्म ज्ञान' (योग के उच्चतर अंग – ध्यान) प्राप्त हैं; इसलिए नियमित ध्यान करने वाले इन साधकों के लिए ‘योग’ केवल एक विषय या एक अवधारणा नहीं है बल्कि एक संस्कृति है।
मानव और प्रकृति के बीच सौहार्द और एकात्मकता की समझ को खोजने के लिये इस ‘योग दिवस उत्सव’ में सम्मिलित संस्थान द्वारा आयोजित विभिन्न ‘विलक्षण योग शिविरों’ में बड़ी संख्या में सभी उम्र व वर्ग के लोगों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लेकर अपना पर्यावरण के लिए योग (Yoga for Climate Action) चिह्नित किया। इन योग शिविरों के योग सत्र के 5-बिंदु अनुक्रम में सभी प्रतिभागियों ने मिलकर बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण के लिए विभिन्न आसन, प्राणायाम और सामूहिक ध्यान का अभ्यास किया तथा संस्थान के प्रचारक द्वारा 'योग और आध्यात्मिकता' पर एक व्याख्यान भी प्रस्तुत किया गया। योग सत्र का समापन समस्त संसार के स्वास्थ्य, शांति और सद्भाव के लिए ‘ॐ’ के उच्चारण और ‘सर्वेभवन्तु सुखिनः’ व ‘शांति पाठ’ (शांति प्रार्थना) जैसे मंत्रों के उचारण द्वारा किया गया। इसके अलावा, ‘Yoga for Climate Action' को चिह्नित करने के लिए, इन योग शिविरों ने स्वच्छ पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को नाट्य मंचन, व्याख्यानों तथा वृक्षारोपण के माध्यम से जन समूह में जागरूकता पैदा की।
वैदिक सिद्धांत ‘स्वस्मिन तिष्ठति इति स्वस्थ:’ के अनुसार सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का योग हो जाना है; और इसी दार्शनिक उद्घोष को चरितार्थ करते हुए संस्थान का सम्पूर्ण स्वस्थ्य प्रकल्प ‘आरोग्य’ एक व्यक्ति के पूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण हेतु मन, शरीर और आत्मा के बीच पूर्ण सामंजस्य होने में विश्वास करता है। दिव्य ज्योति जाग्रती संस्थान सार्वभौमिक भाईचारे और शांति की स्थापना के लिए विश्व स्तर पर काम करने वाला एक सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन है, जो नौ-आयामी सामाजिक सुधार और कल्याणकारी प्रकल्पों के माध्यम से लिंग समानता; सम्पूर्ण शिक्षा; सम्पूर्ण स्वास्थ्य; नशा उन्मूलन; पर्यावरण संरक्षण; भारतीय गाय नस्ल सुधार और संरक्षण; आपदा प्रबंधन और विकलांगों एवं कैदियों के सशक्तीकरण जैसे मुद्दों पर कार्यरत है।