“संस्कारशाला” एक मासिक कार्यशाला है जो दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के समग्र शिक्षा कार्यक्रम मंथन- सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा 4 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आयोजित की जाती है। अगस्त माह की संस्कारशाला का विषय कलात्मक संस्कारशाला था । इस कार्यशाला के माध्यम से, मंथन- सम्पूर्ण विकास केन्द्र ने कला के विभिन्न रूपों के माध्यम से आत्म-अभिव्यक्ति और रचनात्मकता की भावना को प्रोत्साहित किया।
अगस्त 2023 में, कुल 70 कलात्मक संस्कारशालाएँ आयोजित की गईं, जिसमें देश भर में स्थित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की शाखाओं के साथ-साथ विभिन्न स्कूलों जैसे:- सरकारी हाई स्कूल, बीदार जिला, कर्नाटक, बी.एस.बी उत्कृष्ट पब्लिक स्कूल, आदिवासी बच्चों के लिए सरकारी आश्रम शैले, चामराज नगर जिला, कर्नाटक और प्राथमिक विद्यालय, एटा, उत्तर प्रदेश में भी आयोजित की गई । इन संस्कारशालाओं के माध्यम से लगभग 3390 बच्चों को लाभ हुआ।
कलात्मक संस्कारशाला का आरम्भ मंथन कार्यकर्ताओं द्वारा सामूहिक ध्यान व मन्त्रोच्चारण के साथ किया गया । दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारकों ने बच्चों के लिए जागरूकता-उन्मुख सत्र आयोजित किया। जहाँ बच्चों को मध्यकालीन भारतीय काल से मौजूद कला के विभिन्न रूपों जैसे संगीत, वास्तुकला, थिएटर, स्केचिंग, कविता, साहित्य, नृत्य, मूर्तिकला और कई अन्य रूपों के बारे में अवगत करवाया । कार्यकर्ताओं द्वारा वीडियो व अन्य रोचक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत के विभिन्न राज्यों की प्रसिद्ध कलाकृतियों पर जानकारी दी गई। इन सत्रों में बच्चों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। वे वर्षों से भारत में मौजूद विभिन्न प्रकार की कलाओं के रूपों को जान के आश्चर्य चकित रह गये । बच्चों ने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारकों और कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित प्रश्नोत्तरी और गतिविधियों का आनंद लिया। शांति मंत्र और प्रार्थना के साथ कार्यशाला का समापन हुआ। सभी ने एकमात्र प्रेरणा स्रोत दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के चरण कमलों में विनम्र अभिवादन किया।