आजकल हर व्यक्ति दैनिक कार्यों में इतना व्यस्त है कि न तो उसके पास बैठने का, आराम करने का समय है और न ही उसके पास आत्मनिरीक्षण करने समय है। आज मानवता लालच, स्वार्थ, क्रोध और अज्ञानता से जकड़ी हुई है। इस मृतप्राय समाज में पुनः नवजीवन प्राण भरने के लिए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) परम पूजनीय सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की दिव्य कृपा द्वारा निरंतर प्रयासरत है। संस्थान के प्रयास न केवल मानव को दोषों से मुक्त कर रहे हैं, बल्कि सामाजिक स्तर पर व्याप्त ज्वलंत मुद्दों का भी समाधान प्रदान कर रहे हैं।
आध्यात्मिक कथा एक ऐसा माध्यम है जो आध्यात्मिकता और सामाजिकता को खूबसूरती के साथ बांधता है। यह लोगों को रोचक ढ़ंग से प्रभु से जोड़ता है ताकि मानवता को जागृत किया जा सके। कथाओं की श्रृंखला में 17 से 21 दिसंबर 2019 तक पंजाब के मंडी डबवाली, जिला सिरसा, हरियाणा में श्री कृष्ण कथा का आयोजन हुआ। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सौम्या भारती जी ने कथा का वाचन किया। साध्वी जी ने भगवान कृष्ण के जीवन की कई घटनाओं को भक्तों के समक्ष रखते हुए समझाया कि हम इन कथाओं को साधारण कहानी के रूप में सुनते है परन्तु इनमें गहरे आध्यात्मिक अर्थ निहित है। आत्मज्ञान के अभाव में इन कथाओं को सुनने पर भी जीवन में स्थिर परिवर्तन आना सम्भव नहीं है। आत्मज्ञान द्वारा मानव अपने चरित्र में नैतिकता को पूर्णता से साकार कर सकता है। संत समाज द्वारा शास्त्रीय संगीत में श्री कृष्ण महिमा से ओतप्रोत भजनों ने उपस्थित लोगों के भीतर श्री कृष्ण भक्ति को जागृत किया।
भगवान श्री कृष्ण के जीवन से सम्बन्धित हर घटना मानवता को भक्ति, धर्म और परम सत्य के बारे में ज्ञान प्रदान करती है। श्री कृष्ण का जन्म रात्रि को बंदीगृह में हुआ था, भगवान कृष्ण का जन्म इस तथ्य का प्रतीक है कि हमारे भीतर लालच और अज्ञानता के अंधेरे को आध्यात्मिक ज्ञान और दिव्य ज्ञान से मिटाया जा सकता है। साध्वी जी ने जीवन में पूर्ण आध्यात्मिक गुरु की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि श्री कृष्ण ने मीराबाई जी को भी आत्मज्ञान प्राप्ति हेतु समय के पूर्ण सतगुरु संत रविदास जी की शरण स्वीकार करने का मार्ग दिखाया था। साध्वी जी ने समझाया कि पूर्ण सतगुरु द्वारा प्रदत्त ब्रह्मज्ञान वह प्रभावशाली अस्त्र है जिसके द्वारा मानव मन में निहित सभी दोषों का समाप्त किया जा सकता है। ब्रह्मज्ञान की ध्यान प्रक्रिया मानव को आध्यात्मिक स्तर की ऊँचाइयों तक ले जाने में सक्षम है। यही ज्ञान मानव के भीतर हर परिस्थिति में संतुलित रहने के गुण के जागृत करता है।
पूर्ण सतगुरु द्वारा प्रदत्त ब्रह्मज्ञान ही अनंत सुख और सद्भाव का मार्ग प्रशस्त करता है। श्री कृष्ण कथा ने सम्पूर्ण वातावरण में शांति और दिव्यता को प्रसारित किया, जिसका उपस्थित श्रद्धालुओं ने भरपूर आनंद लिया।