20 अगस्त 2025, नई दिल्ली: दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (DJJS) के सामाजिक प्रकल्प, मंथन–संपूर्ण विकास केंद्र (SVK) को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के विद्यांजलि पोर्टल के माध्यम से EDMC निगम प्रतिभा विद्यालय, कांति नगर, नई दिल्ली द्वारा अपने विद्यार्थियों के लिए मूल्य-आधारित संस्कारशाला आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया गया।

समग्र विकास एवं मूल्यपरक शिक्षा के संवर्धन की अपनी ध्येय–प्रतिबद्धता के अनुरूप, मंथन–SVK ने कक्षा 4 और 5 के विद्यार्थियों हेतु ‘Pause the Screen, Play Your Life’ विषयक एक संवादात्मक संस्कारशाला का सफल आयोजन किया। यह संस्कारशाला सुव्यवस्थित एवं क्रमबद्ध गतिविधियों पर आधारित थी, जिनके माध्यम से बच्चों को अत्यधिक स्क्रीन-उपयोग के दुष्परिणामों पर आत्ममंथन हेतु प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम की शुभारंभ उत्साहवर्धक वार्म-अप गतिविधि से हुआ, जिसके उपरान्त बच्चों ने आनंदमय नृत्य-खेल — ‘स्टैच्यू गेम : Pause the Screen’ में भाग लिया, जो स्क्रीन ब्रेक्स के महत्व का प्रतीक था। इसके पश्चात सृजनात्मक चित्रांकन गतिविधि के अंतर्गत विद्यार्थियों ने विषय “जब मैं स्क्रीन रोकता/रोकती हूँ, तब मैं…” पर अपने विचारों का चित्रात्मक एवं लेखनात्मक रूप में अभिव्यक्त किया। तत्पश्चात मंथन–SVK द्वारा संचालित एक अभिव्यंजक नाट्य-प्रस्तुति हुई, जिसमें बच्चों ने यह दर्शाया कि अत्यधिक स्क्रीन समय किस प्रकार स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

स्क्रीन एडिक्शन पर एक संक्षिप्त वीडियो भी प्रदर्शित की गई, जिससे यह अवधारणा और भी प्रासंगिक और प्रभावशाली बन गई। सत्र का समापन शपथ के साथ हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने संकल्प लिया कि वे स्क्रीन का प्रयोग विवेकपूर्ण ढंग से करेंगे, परिवार एवं बाह्य गतिविधियों को प्राथमिकता देंगे तथा प्रकृति से सतत् जुड़े रहेंगे।
बाल-प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्यशाला उनके लिए न केवल आनंददायक थी, अपितु दृष्टि-विस्तारक भी सिद्ध हुई। अध्यापकों एवं कर्मचारियों ने इस प्रयास की सराहना करते हुए माना कि यह बच्चों में सजगता पूर्ण यंत्राधारित व्यवहार के संवर्धन तथा दृढ़ मूल्याधारित आधारशिला रखने की दिशा में अत्यंत महत्त्वपूर्ण पहल है।
ऐसी रचनात्मक पहलों के माध्यम से, पूज्य गुरुदेव श्री अशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में, मंथन–SVK नैतिक चेतना से आलोकित तथा सांस्कृतिक मूल्यों में प्रतिष्ठित बाल-मनों के निर्माण के प्रति अपने अटूट संकल्प को सतत् आगे बढ़ा रहा है, और इस प्रकार सच्चे राष्ट्र-निर्माण में सार्थक योगदान दे रहा है।
