हम सब एक ऐसे उच्च तकनीकी गैजेट के युग में रह रहे हैं, जहाँ स्मार्ट फ़ोन का बटन दबाते ही हमें देश-विदेश की हर बड़ी- छोटी खबर मिल जाती है, लेकिन इस तकनिकी दुनिया में हम अपने अंदर नहीं झाँक पा रहे हैं। हम सुख, मानसिक शांति और मोक्ष की तलाश इस क्षुद्र संसार की सभी वस्तुओं के पीछे भाग रहे हैं, जबकि हमारा लक्ष्य और उदेश्य इससे बहुत श्रेष्ठ है। प्रतिदिन हम अखबारों में और न्यूज़ चैनलो पर ऐसी घटनाओ के बारे में पड़ते व देखते हैं जिनसे हमारा दिल दहल उठता है। क्या हमें मनुष्य जीवन का सही उद्देश्य पता है? हम कौन है मनुष्य या कोई अन्य प्राणी? आज इसका उत्तर हमारे पास नहीं है।
आज के युग में मनुष्य केवल पैसा छापने वाली मशीन बनकर रह गया है और पैसा हमें मानसिक शांति कभी नहीं दे सकता। हम सब अपने मन के द्वारा नियंत्रित हैं। हम स्वयं के विकारों से इतना नियंत्रित रहते हैं की हम सर्वशक्तिमान परमात्मा को भी भूल जाते हैं। हम सभी मूलभूत मूल्यों का पालन कर रहे हैं, लेकिन अस्पष्ट रूप से। ऐसी परिस्थिति में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, परम पूजनीय सर्व श्री आशुतोष महारज जी के दिव्य मार्गदर्शन में प्रयास करते हुए वैदिककाल से प्रचलित ज्ञान के समृद्ध स्त्रोत को मानव को बाँट रहा हैं। आध्यात्मिक मानसिक कार्यक्रम के आयोजन द्वारा दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान सभी के समक्ष भक्ति के सही अर्थ को रखता है। वास्तविक भक्ति व आत्म जाग्रति द्वारा ही विश्व शांति सम्भव है।
हर माह सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान अलग-अलग स्थानों पर मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित करता है। आध्यात्मिक कार्यक्रमों के आयोजन का उद्देश्य सभी को भक्ति के महत्व से परचित करवा, आध्यात्मिक उत्थान की ओर ले जाना है। सच्ची भक्ति तभी हो सकती है जब एक मानव पूर्ण सतगुरु से ब्रह्मज्ञान की दीक्षा प्राप्त कर स्वयं को उनके चरणों में समर्पित कर देता है। तभी एक इंसान का मनुष्य तन प्राप्त करने का लक्ष्य पूर्ण हो पाता है। कार्यक्रम में सत्संग विचारों व भजनों की आनंदमयी प्रस्तुतियाँ रही। मधुर भजनों ने संगत के भौतिकवादी दुनिया में भटके हुए मन को सर्वरोगहर औषधि प्रदान की। भजनों के द्वारा संगत के मन में बंधुत्व और एकता की भावना उत्पन हुई।