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ध्यान मन की भ्रामकों को शांत करके आत्मनिरीक्षण की शक्ति प्रदान करता है।  ब्रह्म ज्ञान के शाश्वत विज्ञान पर आधारित ध्यान हमें नए सिरे से ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे मन शांत रहता है। ध्यान पद्वती द्वारा बंदियों में सुधार लाने हेतु दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के अंतरक्रांति कार्यक्रम के तहत 12 फरवरी, 2020 को कांकेर जिला जेल, छत्तीसगढ़ में एक दिवसीय आध्यात्मिक और ध्यान सत्र का आयोजन किया गया।

 स्वामी अखिलेशानंद  जी ने अपराधों और कुकृत्यों से रहित धार्मिकता के मार्ग पर चलने के महत्व पर बल दिया।  स्वामी जी ने बंदियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ब्रह्म ज्ञान के अत्यंत शक्तिशाली उपकरण का उपयोग करके ध्यान के अभ्यास के साथ, अपनी इंद्रियों और आंतरिक शांति का अनुभव किया जा सकता है।  ब्रह्म ज्ञान के मार्ग पर चलने से जीवन में परिवर्तन आएगा एवं वह शांति का अनुभव करेंगे।उन्होंने दर्शकों को ब्रह्म ज्ञान आधारित ध्यान का नियमित अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया।

 आत्मीय भजन और ध्यान सत्र ने कैदियों पर सकारात्मक असर दिखाया एवं उन्हें अहसास हुआ कि शांति और आनंद को प्राप्त करने  की राह उनके भीतर ही है।

 सत्र में बड़ी संख्या में कैदियों ने भाग लिया।  जेल अधीक्षक खोमेश  मंडावी सहित अन्य स्टाफ सदस्य ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।आयोजन के समापन में जेल अधिकारियों ने अंतरक्रांति द्वारा कैदियों के जीवन में शांति और स्थिरता लाने के लिए उनके निरंतर प्रयासों की सराहना की।

One day Spiritual and Meditation Session Dedicated to Spread Serenity at Kanker District Jail, Chhattisgarh

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