आज का समाज कई कुरीतियों से ग्रसित है। इसका मुख्य कारण सांसारिक उपलब्धियां प्राप्त करना है। इन सभी समस्याओं का निदान केवल परम सत्य ब्रह्मज्ञान द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। अंतरक्रांति द्वारा सिरसा डिस्ट्रिक्ट जेल मै ११ दिसंबर २०१९ को एक सत्र कैदियों को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य कैदियों को अध्यात्म द्वारा उचित मार्ग दर्शन करना था।
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रचारक स्वामी विज्ञानानंदजी ने इस अध्यात्मिक सत्र में बताया कि कैसे सांसारिक इच्छाएं अहंकार, तनाव, लालच को जन्म देती है। इन सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति ना होने पर मनुष्य नशीले पदार्थों का सहारा लेता है, एवं अकेलेपन व दबाव के चलते मनुष्य ड्रग्स लेना आरंभ कर देता है। अधिक तनाव मनुष्य को ड्रग्स के दल दल में फँसा देता है। उन्होंने बताया कि ब्रह्मज्ञान द्वारा ही नशाग्रस्त व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक व बौद्विक उपचार कर उसे सदा के लिए नशा मुक्त किया जा संकता है। ब्रह्मज्ञान आधारित ध्यान पद्वती, व्यक्ति को मानसिक स्तर पर मज़बूत बनती है । जिससे मनुष्य विभिन्न कठिनाइयो का सामना कर सकता है। ध्यान-साधना इंसान को सबसे पहले उसकी उच्चस्तरिए चेतना से जोड़ती है एवं उसे सही एवं ग़लत में भेद करने का मार्ग दिखती है ।
जेल अधीक्षक सहित ५५० पुरुष तथा ५० महिला क़ैदियों ने कार्यक्रम का लाभ उठाया। इन सभी ने आध्यात्मिक शान्ति का अनुभव किया। कैदियों में ड्रग्स की समस्या के निदान हेतु ऐसी और सभाओं की आवश्यकता है ।
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