दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा नारनपुरा, गुजरात में 23 दिसंबर 2018 से 29 दिसंबर 2018 तक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इस कथा के अंतर्गत 16 दिसंबर 2018 को संस्थान के युवा स्वयंसेवकों ने कथा स्थल के समीप शांति का संदेश देते हुए बाइक रैली निकाली। स्वयंसेवकों ने आध्यात्मिक संदेश देते पोस्टर्स को थामे हुए समाज को आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रेरित किया। उनके उत्साह से परिपूर्ण नारों ने स्थानीय लोगों के ध्यान को खींचते हुए समाज में पुन: शांति व पवित्र वातावरण की स्थापना हेतु सशक्त व प्रबुद्ध हृदयों की अनिवार्यता पर प्रकाश डाला। रैली के माध्यम से उन्होंने लोगों को शरीर, मन और आत्मा के सम्बंध के बारे में समझाया। यह सम्बंध तभी संभव है जब मानव अपनी अंतरात्मा की आवाज़ को समझ पाए। इसके लिए व्यक्ति को सार्वभौमिक चेतना से जुड़ना होगा। एक जागृत आध्यात्मिक गुरु, जिन्होंने स्वयं उस सर्वोच्च सत्ता का अनुभव किया हो व अन्य व्यक्ति को भी कराने में सक्षम हो, मात्र वही अपनी कृपा से इस प्रक्रिया को सिद्ध कर सकते हैं।
ब्रह्मज्ञान सम्पन्न व्यक्ति ही स्वयं व समाज कल्याण हेतु निर्णय लेने में सक्षम होता है। एक व्यक्ति को पूर्ण आध्यात्मिक गुरु की खोज कर निरंतर आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर रहना पड़ता है। एक व्यक्ति के पूर्ण आध्यात्मिक विकास हेतु सार्वभौमिक चेतना से लगातार जुड़े रहने की आवश्यकता है। सतगुरु ही साधक को आध्यात्मिक मार्ग पर लगातार बने रहने के लिए साधन प्रदान करते हैं। गुरु कृपा द्वारा एक साधक सहजता से उस आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्त कर पाता है। सतगुरु के मार्गदर्शन के अभाव में एक शिष्य निर्णय लेने की क्षमता को पूर्णरूपेण प्राप्त नहीं कर सकता। युवा स्वयंसेवकों ने रैली के माध्यम से यही संदेश प्रसारित किया कि हमें सांसारिक व क्षणिक सुखों से ऊपर उठते हुए एक गुरु की खोज करनी चाहिए जो हमारे जीवन में स्थायी शांति का साम्राज्य स्थापित कर सकें। एक ऐसे शांत समाज का निर्माण सम्भव हो सकें जहाँ जीवन सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से उन्नत व सशक्त हो।