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आज का युवा वर्ग बाहरी दबावों, भावनात्मक अस्थिरता और भ्रामक सामाजिक प्रभावों की चपेट में लगातार आ रहा है। ऐसे समय में युवाओं को भीतर से मज़बूत करने और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। इसी उद्देश्य को लेकर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने एक ठोस कदम उठाया है – बच्चों व किशोरों को आंतरिक बल और नैतिक स्पष्टता प्रदान करने हेतु।

Sankalp Reaches 16 Schools in Ghaziabad with Quit Karo Campaign on Addiction and Right Choices

नशे से मुक्ति और जीवन के प्रति जागरूक चुनावों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संस्थान ने गाज़ियाबाद में क्विट करो अभियान  के अंतर्गत एक व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया। यह अभियान बोध  परियोजना के अंतर्गत तथा इसकी युवा इकाई युव परिवार सेवा समिति  के सहयोग से संचालित किया गया।
दिनांक 22 अप्रैल से 29 जून 2025 के मध्य दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की गाज़ियाबाद शाखा द्वारा कुल 16 प्रभावशाली जागरूकता सत्र आयोजित किए गए, जिनके माध्यम से 1,593 विद्यार्थियों और युवाओं तक जीवन निर्माण का संदेश पहुँचाया गया।

सत्र आयोजित करने वाले विद्यालय व संस्थान:

Sankalp Reaches 16 Schools in Ghaziabad with Quit Karo Campaign on Addiction and Right Choices
  • न्यू सैनिक सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल, सिखेड़ा
  • प्राथमिक विद्यालय, खैरपुर खैराबाद
  • आर.डी. पब्लिक स्कूल, पिलखुवा
  • आर.के.जी. इंटरनेशनल स्कूल, पिलखुवा
  • रूपवती कन्या इंटर कॉलेज, सिखेड़ा
  • रामानुज दयाल सरस्वती विद्या मंदिर, पिलखुवा
  • प्राथमिक विद्यालय, कंदोला, धौलाना
  • प्राथमिक विद्यालय क्रमांक 2, अशोक नगर, पिलखुवा
  • प्राथमिक विद्यालय, बजहेड़ा खुर्द, धौलाना
  • श्री रमेश्वर कॉलेज ऑफ फार्मेसी, कंदोला
  • प्राथमिक विद्यालय क्रमांक 1, शिवाजी नगर, पिलखुवा
  • हिन्दू कन्या इंटर कॉलेज, पिलखुवा
  • प्राथमिक विद्यालय क्रमांक 5, पिलखुवा
  • ए.पी.एस. पब्लिक स्कूल, कंदोला
  • आर.के. कॉलेज, धौलाना
  • रामश्री कॉलेज, सिखेड़ा

इन सत्रों का मार्गदर्शन साध्वी मेघा भारती जी ने किया, जो संस्थान की गाज़ियाबाद शाखा की प्रचारिका हैं। उनके साथ वृंदा सिंघल और कीर्ति शर्मा जैसी समर्पित सेविका बहनों ने भी पूरी तन्मयता से सहयोग किया। सभी सत्र बच्चों और किशोरों की समझ, अवस्था और व्यवहारिक ज़रूरतों के अनुरूप सहज, प्रेरणास्पद और सहभागिता से भरपूर बनाए गए।

प्रमुख गतिविधियों में शामिल रहीं —
गिलास और गेंद प्रयोग — विचारों और भावनाओं की गहराई को समझाने हेतु
जार और गेंद खेल — विकल्पों और उनके परिणामों को सरल रूप में दिखाने हेतु
गिलास संतुलन अभ्यास — तनाव प्रबंधन और आत्म-नियंत्रण के महत्व को समझाने हेतु
मानव श्रृंखला अभ्यास — सहयोग और सामूहिक शक्ति का अनुभव कराने हेतु

इनके अतिरिक्त, छात्रों को आत्मनिरीक्षण और आत्मनिर्णय का अभ्यास कराने हेतु "चिट चुनो" नामक एक रोचक गतिविधि कराई गई, जिसमें उन्हें जीवन से जुड़े निर्णयों की महत्ता को समझाया गया। भूमिकानाटक, संवादपरक खेल, और प्रश्नोत्तरी सत्रों ने बच्चों की सक्रिय भागीदारी और स्मरणशक्ति दोनों को सशक्त किया।

प्रत्येक विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षकगण और स्टाफ ने सत्रों में भाग लेते हुए कार्यक्रम की प्रस्तुति, संदेश की स्पष्टता, सांस्कृतिक उपयुक्तता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने ऐसे जीवनमूल्य आधारित कार्यक्रमों को नियमित रूप से विद्यालयीन गतिविधियों में सम्मिलित किए जाने की आवश्यकता बताई।

इस अभियान को स्थानीय समाचार पत्रों और डिजिटल माध्यमों में भी विशेष स्थान मिला। संस्थान द्वारा आध्यात्मिक चिंतन और व्यवहारिक विज्ञान के सामंजस्य से जो कार्यक्रम तैयार किया गया, वह आज की पीढ़ी के लिए अत्यंत उपयुक्त और प्रभावी सिद्ध हुआ। मीडिया रिपोर्टों ने इस अभियान को समय की आवश्यकता बताया।

प्रत्येक सत्र का समापन एक सामूहिक नशा विरोधी संकल्प के साथ हुआ, जिसमें विद्यार्थी, शिक्षक और आयोजक एक साथ खड़े होकर यह प्रतिज्ञा करते हैं कि वे नशे से दूर रहकर, उद्देश्यपूर्ण, सशक्त और जागरूक जीवन अपनाएँगे — जो न केवल व्यक्तिगत रूप से उन्हें उन्नत बनाएगा, बल्कि समाज को भी सकारात्मक दिशा में ले जाएगा।

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