शारीरिक और मानसिक क्षेत्र के स्तर पर स्वतंत्रता तब तक अपूर्ण रहती है जब तक वह आत्मा के स्तर पर हासिल नहीं जाती । स्वतंत्रता के 72 वें वर्ष मे पहुँचते ही समग्र रूप से आजादी को समझना और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जब सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्र, घरेलू उत्पाद की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, तीसरी सबसे बड़ी क्रय विक्रय शक्ति, सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था, तीसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना और विश्व मानचित्र पर सैन्य व्यय में पांचवां स्थान होने के बावजूद अभी भी देश नशे की समस्या, पर्यावरण समस्या, आर्थिक विभाजन, आतंकवाद, सीमा संघर्ष, गृहयुद्ध, भ्रष्टाचार आदि कई समस्याओ से जूझ रहा है।
इनहि मुद्दो को लेते हुए इसलिए, आजादी को समग्रता से समझने के लिए और लोगों के बीच एक चर्चा की शुरुवात करने के लिए, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के नशा उन्मूलन कार्यक्रम, बोध के अंतर्गत अनेकों रैली, मंच कार्यक्रम, स्कीट प्रदर्शन, कोरियोग्राफी,विषय आधारित प्रदर्शन, भाषणों, पावर प्वाइंट प्रस्तुतियों, हस्ताक्षर अभियान, परामर्श बूथ आदि विविधतापूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया।
इन कार्यक्रमों मे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न वर्गों के लोगों ने भाग लिया और उत्साहित रूप से प्रेरित हो अन्य क्षेत्रो में 'संस्थान' द्वारा किए गए प्रयासों से जुड़ने के लिए आगे बढ़े ।
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