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29 मई से 2 जून, 2018 तक पंजाब के तरण तारण में श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया गया। इससे पहले मंगल कलश यात्रा में सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया। साध्वी सुमेधा भारती जी ने वक्ता की भूमिका निभाई और भगवान कृष्ण की शिक्षाओं का विस्तार किया। भगवान के प्रति भक्त की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले भजनों द्वारा कथा को और अधिक सुंदर बनाया गया।

Shri Krishna Katha, a Catalyst to Communion with Supreme at Tarn Taran, Punjab

साध्वी जी ने जोर देकर कहा कि भगवान का साम्राज्य हम सबके भीतर है। उन्होंने उस समय का उल्लेख भी किया जब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिव्य ज्ञान दिया और उन्होंने भगवान के दिव्य स्वरूप को प्रकाश रूप में अपने भीतर ही देखा। श्री कृष्ण जगतगुरु बन इस धरा पर द्वापर युग में अवतारित हुए थे। उन्होंने लोगों को धर्म के वास्तविक आनंद का अनुभव करने के लिए प्रेरित किया। इसी प्रकार, आज के समय के पूर्ण सतगुरु श्री आशुतोष महाराज जी ने भी लोगों को आध्यात्मिक क्रांति यानि ब्रह्मज्ञान के लिए आमंत्रित किया है।

भगवान कृष्ण शुद्ध और गहन प्रेम, एक चुंबकीय व्यक्तित्व और एक उत्कृष्ट मार्गदर्शक का प्रतीक है। वह एक आध्यात्मिक गुरु है, जो बिना किसी शर्त के अपने भक्तों से प्रेम करते हैं। ब्रह्मज्ञान के दिव्य उपकरण से उन्होंने हर किसी से दिव्य व अद्भुत सम्बन्ध स्थापित किया। यही एकमात्र ऐसा साधन है जो भक्त को भगवान के साथ दिव्य संबंध में बांधता है।

Shri Krishna Katha, a Catalyst to Communion with Supreme at Tarn Taran, Punjab

कथा ने उपस्थित लोगों के जीवन में बसंत ऋतु के तौर पर कार्य किया और उन्हें परम सत्य से जोड़कर दुःख-पीड़ा को समाप्त किया।  कई विशिष्ट अतिथियों और अन्य लोगों ने संस्थान के सामाजिक प्रकल्पों में उदारतापूर्वक योगदान करने की इच्छा भी जताई।  लोगों को अनेक सुंदर प्रेरणाएँ देता हुआ यह कार्यक्रम सभी के दवारा खूब सराहा गया।

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