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गुरुदेव श्री आशुतोष जी महाराज जी की कृपा से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा भगवान श्री कृष्ण की दिव्य लीलाओं और उनके पीछे छिपी शिक्षाओं को स्पष्ट करने हेतु पांच दिवसीय श्री कृष्ण कथा का आयोजन दिनांक 21 से 25 अगस्त 2022 तक धुरी, संगरूर (पंजाब) में किया गयाl कथा व्यास साध्वी कालिंदी भारती जी ने हमारे आदिकालीन ग्रंथों में निहित भगवान श्री कृष्ण की दिव्य लीलाओं एवं उनमें निहित उपदेशों को उजागर कियाl कथा का शुभारम्भ भगवान श्री कृष्ण के चरण कमलों में प्रार्थना और सुमधुर भजनों से हुआl यह कार्यक्रम भक्तिपूर्ण भजनों और दिव्य प्रवचनों  से ओतप्रोत रहाl कई गणमान्य अतिथियों, स्थानीय राजनेताओं और आत्म जिज्ञासुओं ने पूरे पांच दिवस कथा में उपस्थित होकर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कियाl

Shri Krishna Katha organized at Sangrur, Punjab decoded the Spiritual realms of Shri Krishna's Philosophy

कथा व्यास जी ने भगवान श्री कृष्ण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण अपने अनुयायिओं को उस शाश्वत ज्ञान को प्रदान कर उनकी आध्यात्मिक  चेतना को जाग्रत करने हेतु सदैव अग्रणी रहे हैं l कथाव्यास जी ने भगवान श्री कृष्ण के जीवन की घटनाओं में निहित विभिन्न  प्रसंगों को रचनात्मक ढंग से सुनायाl भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं में छिपे भव्य और विचारशील रहस्यों को उजागर कियाl कथा व्यास जी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया ब्रह्मज्ञान 'शाश्वत शांति और मन नियंत्रण करने की अचूक व सर्वोत्तम पद्धति' है। उसके द्वारा प्राप्त ईश्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति मानव में आध्यात्मिक शक्ति और शांति की लहर लाती हैl

साध्वी जी ने आगे बताया कि आत्मसाक्षात्कार एक पूर्ण गुरु के माध्यम से ही संभव है l भगवत  गीता एवं अन्य सभी शास्त्र ग्रंथों के अनुसार, जो ज्ञान के समय ईश्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति करवाएं वही पूर्ण गुरु हैं l जब हम 'ब्रह्मज्ञान' पर आधारित गहन ध्यान करते हैं, तो हम अपने आप को दुःख और कर्म बंधनों से मुक्त कर लेते हैंl

Shri Krishna Katha organized at Sangrur, Punjab decoded the Spiritual realms of Shri Krishna's Philosophy

साध्वी जी ने कथा के मूल उद्देश्य को समझाते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण द्वारा जन मानस को प्रदान किया गया दिव्य ज्ञान (ब्रह्मज्ञान) एक आदर्श जीवन जीने के लिए मार्गदर्शक स्तम्भ हैl हमें उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण कर एक ब्रह्मनिष्ठ गुरु की खोज करनी चाहिए, तथा उनसे ब्रह्मज्ञान की सनातन विद्या को प्राप्त कर अपने जीवन को भी परम लक्ष्य की ओर अग्रसर करना चाहिएl

संस्थान द्वारा आयोजित श्री कृष्ण कथा को श्रद्धालुओं द्वारा बहुत सराहा गया क्योंकि कथा के माध्यम से श्रोताओं ने कर्म, योग, शाश्वत भक्ति के वास्तविक अर्थ को गहराई से जाना व उसे अपने जीवन में धारण करने की प्रेरणा पाईl

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