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श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा स्थापित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान- एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी और प्रमुख सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन है।

Shri Ram Katha Instilled Divine Virtues in Masses at Dibrugarh, Assam

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने असम के डिब्रूगढ़ में 20 से 26 मई 2018 तक सात दिवसीय श्री राम कथामृत का भव्य आयोजन किया। कार्यक्रम में भक्तों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज़ की।

आज के युग में भी भगवान श्री राम धर्म संस्थापक और सर्वोच्च गुणों के स्वरूप माने जाते हैं। उन्होंने धरती पर राम राज्य की सफलतापूर्वक स्थापना की। इस महान कार्य में भक्त भरत, लक्ष्मण, माता शबरी, माता सीता, भक्त हनुमान जैसे कई भक्तों ने भगवान श्री राम के इस दिव्य उद्देश्य में अपना निःस्वार्थ योगदान दिया। इन सभी शिष्यों ने कई कठिनाइयों से गुजर कर भी जीवन की परिस्थितियों के सामने कभी हार नहीं मानी और खुद को विजेता के रूप में उजागर किया। बहुत से लोग माता शबरी से कहते थे कि भगवान राम उनके पास कभी नहीं आएंगे, लेकिन फिर भी वह निरंतर प्रार्थना करती रहीं। इतिहास साक्षी है कि गुरु वचनों पर माता शबरी के दृढ़ विश्वास के कारण ही श्री राम उनकी कुटिया में आए और उन्हें दर्शन देकर धन्य किया। यह दिव्य कार्यक्रम लोगों में यह भाव दृढ़ करने के लिए ही आयोजित किया गया कि भक्ति और भक्ति का मार्ग सम्पूर्ण मानव जाति को सर्वोच्च शांति और अनन्त आनंद की ओर ले जाता है।

Shri Ram Katha Instilled Divine Virtues in Masses at Dibrugarh, Assam

प्रचारकों, स्वयंसेवकों व उपस्थित सभी भक्तों द्वारा पवित्र हृदय से भगवान राम के श्री चरणों में प्रार्थना करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत हुई। भाव पूरित भजनों और भक्ति संगीत द्वारा भक्त हृदयों को दिव्य विचारों से पोषित किया गया व अध्यातम के अनेक गूढ़ तथ्यों को भी प्रस्तुत किया गया।

गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथाव्यास साध्वी दीपिका भारती जी ने श्रोताओं के समक्ष भगवान राम के बहुत से दिव्य जीवन चरित्रों और सर्वोच्च संदेशों का सुन्दर प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने जन-जन को श्री राम आदर्शों को भी जीवन में स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया।

उपस्थित लोगों ने जीवन के मुख्य उद्देश्य- ‘आत्म साक्षात्कार’ को बखूबी समझा और आत्मानुभूति के लिए इच्छुक भी नज़र आए। लोगों ने जीवन की बहुत सी समस्याओं का समाधान भी पाया। बड़ी तादात में प्रस्तुत होने के लिए साध्वी जी ने लोगों का आभार भी व्यक्त किया।

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