मां भगवती वह अंतर्निहित गतिशील ऊर्जा है जिसके माध्यम से सर्वोच्च चेतना प्रकट होती है। माँ कृपा द्वारा मानव जीवन की कठिन परिस्थितियों को पार कर पाता है। वह सर्वोच्च शक्ति ही मां देवी के रूप में शासन करती है। माँ शक्ति के सभी रूप मोक्ष और बलिदान का संदेश देते है। वह शुद्धता, ज्ञान, सत्य और आत्म-साक्षात्कार की अवतार है।
हाल ही में, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 5 सितंबर से 11 सितंबर, 2018 तक जयपुर, राजस्थान में श्रीमद्देवीभागवत कथा का आयोजन किया गया। सरस भजनों ने वातावरण को दिव्य भावनाओं से भर दिया।
सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी अदिति भारती जी ने कथा का वाचन करते हुए बताया कि मां भगवती शक्ति के रूप में अवतरित हो बुराइयों का अंत करती है। भगवती वह दिव्य माता स्वरूपा है जो स्वार्थ, ईर्ष्या, पूर्वाग्रह, घृणा, क्रोध और अहंकार जैसी बुरी प्रवृतियों को नष्ट कर मानव जाति का रक्षण करती है। मानव जाति की रक्षा हेतु ही माँ दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का संहार किया। जब समाज में नकारात्मक शक्तियाँ असंतुलन पैदा करती है तब दैवीय शक्तियां एकजुट होती है और देवी शक्ति रूप में प्रगट होती है। माँ भगवती की भक्ति अंतर्निहित सुषुप्त शक्ति के जागरण हेतु प्रेरित करती है।
साध्वी जी ने अनेक शास्त्रों में निहित आध्यात्मिक रूप से जागृत नारियों के विषय में भी बताया। आत्म-साक्षात्कार का शाश्वत ज्ञान मनुष्य को सम्पूर्ण सशक्त बनाने हेतु सिद्ध साधन है। आध्यात्मिक ज्ञान शक्ति, एकाग्रता और प्रत्येक कर्म में निपुणता द्वारा समग्र उन्नति प्रदान करता है। ब्रह्मज्ञान, शाश्वत विज्ञान निहित वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से प्रत्येक मानव ईश्वर का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकता है। नियमित ध्यान अभ्यास एक व्यक्ति को आंतरिक रूप से दृढ़ कर उसे जीवन की सभी समस्याओं का सामना करने में मदद करता है। इस प्रकार, साधना द्वारा साधक दिव्य योगी की अवस्था को प्राप्त करता है। साध्वी जी ने भी लोगों को जीवन में ब्रह्मज्ञान की महत्ता और अनिवार्यता के विषय में समझाया। ब्रह्मज्ञान ही विश्व में सकारात्मक परिवर्तन का आधार है।
हजारों भक्तों ने कार्यक्रम में उपस्थित हो आध्यात्मिक विचार प्राप्त किए। भक्ति व शक्ति की महिमा का गुणगान करते भजनों ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम ने सफलतापूर्वक अपने उद्देश्य को पूर्ण किया। आध्यात्मिक विचारों ने लोगों को अंतर्निहित ईश्वरीय शक्ति के प्रति जागरूक कर जीवन में आध्यात्मिक यात्रा हेतु प्रेरित किया।
