मानव जाति आज विकृत प्रवृत्ति से पीड़ित है, जो भय, पीड़ा और विश्व शांति को भी प्रभावित करती है। जब कोई माँ शक्ति के वास्तविक स्वरूप को देखता है, तो उसकी सभी बुराइयां नष्ट होने लगती है। वह द्वंद्व, संशय, मोह और अहंकार जैसी बुराइयों को दूर करता है, जो एक साधक की साधकता का अंत करती हैं। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की पठानकोट शाखा द्वारा पंजाब के दीनानगर, जिला गुरदासपुर, पंजाब में 22 से 28 सितंबर, 2019 तक श्रीमद देवी भागवत कथा का कार्यक्रम आयोजन किया गया। कई प्रतिष्ठित लोग इस अवसर पर उपस्थित हुए। माँ महिमा से ओतप्रोत भक्ति गीतों ने श्रद्धालुओं के मन को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी मातंगी भारती जी ने कथा का वाचन किया। उन्होंने माँ शक्ति की दिव्य लीलाओं में निहित गहरे अर्थों को लोगों के समक्ष रखा, जिससे मानव दिव्य ऊर्जा को प्राप्त कर, उन सभी नकारात्मक प्रवृत्तियों को समाप्त कर सकता है जो मानव के विकास में बाधा डालती हैं। दिव्य शक्ति ही सृष्टि का आधार है, वह दिव्यता ही राक्षसी शक्तियों को नष्ट कर, समाज में संतुलन बहाल करने हेतु विभिन्न रूपों में प्रकट होती हैं। वह हमें मृत्यु से अमरता तक और अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती हैं।
साध्वी जी ने उपस्थित दर्शकों को एक प्रबुद्ध आध्यात्मिक गुरु की खोज करने के महत्व के बारे में समझाया जो एक व्यक्ति के आंतरिक मूल को प्रकाशित करते हैं व जीवन के अंतिम उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम होते हैं। जब तक हम वह दिव्य लौ जागृत नहीं करते, तब तक हमारी आध्यात्मिक साधनाएँ हमें अपने मन के भ्रम से परे नहीं ले जा सकती हैं। साध्वी जी ने ईश्वरीय ज्ञान (ब्रह्मज्ञान) की महत्ता को विस्तार से चित्रित किया, जिसके माध्यम से हम ईश्वर से एकाकार हो सकते हैं। यह ज्ञान शिष्य को अज्ञानता से मुक्त करता है, जो आनंद और दिव्यता प्राप्ति में एक बड़ी बाधा है। ब्रह्मज्ञान द्वारा कुशल, प्रभावशाली, नैतिक मनुष्यों का निर्माण सम्भव हो पाता है। यह ब्रह्मज्ञान हमें हमारी आत्म शक्ति (उच्चतम स्तर) से जोड़ता है व जीवन के हर कदम पर मार्गदर्शन करते हुए, विचारों में स्पष्टता उत्पन्न कर श्रेष्ठ निर्णय लेने की शक्ति को सक्रिय करता है।
कार्यक्रम के अंत तक, दर्शकों को आध्यात्मिक रूप से प्रबुद्ध और बौद्धिक रूप से जागृत किया गया। इस आयोजन ने आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाने और माँ शक्ति के प्रति समर्पण बढ़ाने के उद्देश्य को पूरा किया। यह श्रद्धालुओं के लिए सही मार्गदर्शन के साथ उठने, जागने और आज की समस्याओं से मुक्त होने के लिए एक कुंजी के समान था।