आज नशा न तो किसी एक लिंग तक सीमित रह गया है और न ही किसी एक आयु वर्ग तक; यह समाज में एक व्यापक समस्या बन चुका है, जो परिवारों और पूरे समाज को सीधे प्रभावित करता है। महिलाएँ, जिन्हें कभी केवल पीड़ित के रूप में देखा जाता था, अब नशे की उपभोक्ता भी बन रही हैं। इसलिए, उन्हें समाज में परिवर्तन की प्रेरक शक्ति के रूप में सशक्त बनाना अत्यंत आवश्यक है। समुदाय स्तर पर जागरूकता बढ़ाना ही नशे के चक्र को तोड़ने और एक स्वस्थ, नशामुक्त राष्ट्र बनाने की कुंजी है।

संकल्प अभियान – क्विट करो पहल
आध्यात्मिक मार्गदर्शन देने वाले आदरणीय श्री आशुतोष महाराज जी के दृष्टिकोण के तहत, डी.जे.जे.एस. ने नशा मुक्ति के लिए देशव्यापी प्रयास किए हैं। इसका प्रमुख माध्यम है संकल्प अभियान – क्विट करो संकल्प जागरूकता, जो डी.जे.जे.एस. बोध और वायपीएसएस का संयुक्त प्रयास है। यह पहल केवल नशे तक सीमित नहीं है, बल्कि ड्रग्स, अन्य पदार्थों की लत और व्यवहारिक लत जैसे इंटरनेट आदि के प्रभावों पर भी जागरूकता फैलाती है। इसका उद्देश्य समाज में मानसिक स्वास्थ्य, जागरूकता और आत्म-सशक्तिकरण को बढ़ाना है।
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
डी.जे.जे.एस. गोरखपुर ने माधव लॉन, तारामंडल में महिलाओं के लिए विशेष जागरूकता बैठक आयोजित की। इस सत्र में महिलाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति और उनके समाज में बदलाव की भूमिका पर प्रकाश डाला गया। प्रेरक वार्ता, इंटरैक्टिव चर्चाएँ और व्यवहारिक सुझावों के माध्यम से प्रतिभागियों ने जाना कि कैसे वे स्वयं और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकती हैं। लगभग 50 महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी की, नशामुक्त जीवन के लिए संकल्प लिया और एक फॉलो-अप सपोर्ट सर्कल से जुड़कर अपनी प्रगति साझा करने की व्यवस्था की गई।

जोधपुर, राजस्थान
समान उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए, डी.जे.जे.एस. जोधपुर ने नया प्लॉट, हॉस्पिटल रोड, चोपसानी में क्विट करो संकल्प जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। 165+ लाभार्थियों ने भाग लिया और साध्वी ऋतंभरा भारती जी द्वारा दी गई मार्गदर्शक व्याख्यान से गहरी समझ प्राप्त की। इंटरैक्टिव क्विज़, समूह चर्चाएँ और वास्तविक जीवन केस स्टडीज़ के माध्यम से नशे के सामाजिक, शारीरिक और मानसिक प्रभावों को समझाया गया। इस कार्यक्रम में महिलाओं को सहकर्मी मार्गदर्शक के रूप में प्रशिक्षित करने की पहल भी शुरू की गई, ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों में छोटे जागरूकता सत्र आयोजित कर सकें।
व्यापक प्रभाव और आगे की योजनाएं
दोनों कार्यक्रमों का समापन क्विट करो संकल्प के साथ हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने नशामुक्त जीवन जीने और दूसरों को प्रेरित करने का वचन लिया। निरंतरता बनाए रखने के लिए डी.जे.जे.एस. शाखाएँ अब स्थानीय सपोर्ट नेटवर्क, सहकर्मी समूह और नियमित कार्यशालाएँ तैयार कर रही हैं। भविष्य में कॉलेज और स्कूल की छात्राओं तक जागरूकता पहुंचाने की योजना है, क्योंकि प्रारंभिक शिक्षा नशे की प्रवृत्ति रोकने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
स्थानीय समुदाय से इन पहलों को व्यापक सराहना मिली और मीडिया द्वारा भी इसे कवर किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं को बदलाव की प्रेरक के रूप में सशक्त बनाना नशामुक्त समाज के लिए आवश्यक है।
इन परिवर्तनकारी प्रयासों के माध्यम से, डी.जे.जे.एस. संकल्प अभियान को देशभर में विस्तारित करने के अपने संकल्प को दोहराता है। आध्यात्मिक मार्गदर्शन, समुदाय जागरूकता, फॉलो-अप तंत्र और महिलाओं के नेतृत्व को मिलाकर यह अभियान दीर्घकालिक परिवर्तन के बीज बो रहा है। साथ मिलकर हम स्वस्थ, जागरूक और नशामुक्त भारत की ओर बढ़ रहे हैं।