नशा केवल एक व्यक्तिगत संघर्ष नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक संकट है, जो व्यक्तियों के स्वास्थ्य, रिश्तों, क्षमता और उज्ज्वल भविष्य को निगल रहा है। इसका युद्धक्षेत्र किसी नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गलियों, बस्तियों, कॉलोनियों और बाज़ारों तक फैला है, जहाँ नशे के पदार्थ आसानी से उपलब्ध होते हैं और संवेदनशील वर्ग सबसे अधिक प्रभावित होता है।

लोगों को इस दुष्चक्र से मुक्त करने के लिए जागरूकता वहाँ तक पहुँचनी चाहिए जहाँ वे रहते हैं, कार्य करते हैं और लोगों से मेलजोल करते हैं । तभी यह संदेश वास्तव में प्रभावी हो सकता है। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान – बोध ने युवा परिवार सेवा समिति (वाई.पी.एस.एस.) के सहयोग से संकल्प अभियान की शुरुआत की।
संकल्प अभियान का उद्देश्य है – एक नशामुक्त भारत का निर्माण। यह अभियान लोगों को ज्ञान, भावनात्मक सुदृढ़ता और आध्यात्मिक स्पष्टता प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाता है। यह आंदोलन केवल नशे से होने वाले शारीरिक नुकसान को ही नहीं, बल्कि इसके मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक दुष्प्रभावों को भी संबोधित करता है। नवप्रवर्तनशील आउटरीच कार्यक्रम से यह अभियान समुदायों को प्रेरित करता है कि वे नशे के विरुद्ध दृढ़ संकल्प लें।

अप्रैल से अगस्त 2025 के बीच यह अभियान पूरे भारत में एक सशक्त जन-जागरूकता लहर के रूप में सामने आया। इस अवधि में 24 प्रभावशाली कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 14,555 से अधिक व्यक्तियों को सीधे जोड़ा गया। इनमें युवा, अभिभावक, मज़दूर वर्ग और फेरीवाले/ पटरी व्यापारी शामिल थे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रतिभागियों को नशे के परिणामों पर गहराई से विचार करने और परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए प्रेरित किया गया।
प्रत्येक कार्यक्रम को सूचनात्मक, संवादात्मक और रूपांतरणकारी बनाया गया, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:
- नुक्कड़ नाटक (स्ट्रीट प्ले) – नशे की कठोर वास्तविकताओं को दर्शाते हुए
- प्रेरक प्रवचन – डी.जे.जे.एस. के प्रवक्ताओं द्वारा नैतिक जागरूकता और आत्मबल का संचार
- इंटरेक्टिव गेम्स और क्विज़ – संदेश को रोचक और यादगार बनाने हेतु
- समूह चर्चा – संवाद को प्रोत्साहन एवं समाधान खोजने के लिए
- योग एवं प्राणायाम सत्र – मानसिक संतुलन और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए
देशव्यापी पहुँच – शाखाओं की भागीदारी
शाखा |
राज्य |
तिथि(याँ) |
चाकण |
महाराष्ट्र |
19 अप्रैल, 28 अप्रैल 2025 |
लातूर |
महाराष्ट्र |
20 अप्रैल 2025 |
कड़कड़डूमा |
दिल्ली |
3 मई 2025 |
गोरखपुर |
उत्तर प्रदेश |
11 मई 2025 |
नेहरू प्लेस |
दिल्ली |
18 मई, 25 मई, 8 जून 2025 |
जोधपुर |
राजस्थान |
21 मई, 25 मई, 3 जून, 8 जून, 16 जून |
पाथर्डी |
महाराष्ट्र |
31 मई 2025 |
बेंगलुरु |
कर्नाटक |
1 जून 2025 |
जयपुर |
राजस्थान |
7 जून 2025 |
भोपाल |
मध्य प्रदेश |
15 जून 2025 |
लखनऊ |
उत्तर प्रदेश |
15 जून 2025 |
जालंधर |
पंजाब |
22 जून 2025 |
नोएडा |
उत्तर प्रदेश |
23 जून, 27 जुलाई, 3 अगस्त 2025 |
ग़ाज़ियाबाद |
उत्तर प्रदेश |
29 जून 2025 |
प्रेरणा की आवाज़ें
कई गणमान्य व्यक्तियों व विशेषज्ञों ने इस अभियान की सराहना की, जिनमें शामिल हैं:
- श्री राहुल मोते – काउंसलर, अल्कोहलिक डी-एडिक्शन ऑर्गेनाइजेशन
- श्रीमती अर्चना आग़हव – संस्थापक, संतोष अकादमी, चाकण
- श्रीमती रंजना देशमुख – प्राचार्या, विद्या निकेतन इंग्लिश मीडियम स्कूल, चाकण
डी.जे.जे.एस. प्रचारकों - स्वामी निरूपानंद जी, साध्वी मांगल्य भारती जी, साध्वी शीतल भारती जी, स्वामी आदित्यानंद जी, साध्वी पल्लवी भारती जी और साध्वी मेधावी भारती जी द्वारा संबंधित विषय पर एक आध्यात्मिक चर्चा आयोजित की गई। उन्होंने अपने आध्यात्मिक ज्ञान और मार्गदर्शन से दर्शकों को आलोकित किया । कार्यक्रमों को स्थानीय मीडिया कवरेज प्राप्त हुआ, जिससे यह संदेश और अधिक लोगों तक पहुँचा और आसपास की समुदायों को भी इस दिशा में प्रेरित किया।
परिवर्तन का संकल्प: प्रत्येक कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने सामूहिक नशामुक्ति शपथ ली, जिसमें उन्होंने नशे से दूर रहने और अपने परिवार व समुदाय को भी इस दिशा में प्रेरित करने का संकल्प लिया।
नशामुक्त भारत की ओर: संकल्प अभियान यह सिद्ध करता है कि सामूहिक प्रयास, जनसहभागिता और आध्यात्मिक जागृति के माध्यम से नशे जैसी राष्ट्रीय चुनौती का समाधान संभव है।
प्रत्येक कार्यक्रम और प्रत्येक शपथ के साथ डी.जे.जे.एस. – बोध व वायपीएसएस नशामुक्त भारत के निर्माण की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा रहे हैं — जहाँ जागरूकता केवल बोली नहीं जाती, बल्कि जी भी जाती है।