2 फरवरी, 2019 को प्रयागराज की पवित्र भूमि पर विज्ञान, आध्यात्मिकता और संस्कृति का एक अद्भुत संगम देखा गया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (DJJS: अंतरराष्ट्रीय सामाजिक व आध्यात्मिक संगठन) के कॉर्पोरेट वर्कशॉप विंग PEACE प्रोग्राम द्वारा ‘KUMBH PEACE-OTSAV’ नामक सेमिनार आयोजित किया गया। यह विलक्षण कार्यशाला सेक्टर-7 में स्थित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के शिविर में रखी गई थी। इस सेमिनार में विख्यात डॉक्टरों की टीम, शैक्षणिक संस्थानों के अध्यक्ष, प्राध्यापक एवं निर्देशकों के साथ-साथ, राजनीतिक हस्तियां तथा न्यायपालिका के कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही। जैसे- श्री विजेंद्र गुप्ता (नेता विपक्ष, दिल्ली विधानसभा), साध्वी भगवती सरस्वती (परमार्थ निकेतन मिशन), श्री सी पी मिश्रा (निर्देशक, बी बी एस), श्री विमल मिश्रा (निर्देशक, आई ई आर टी), प्रो. डी के द्विवेदी (निर्देशक, शंभूनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी), डॉ कृष्णा मुखर्जी (अधीक्षक, कमला नेहरू अस्पताल), श्री प्रदीप कुमार (वरिष्ठ वकील, इलाहाबाद उच्च न्यायालय), श्री भूपिंदर नाथ सिंह (वरिष्ठ वकील, इलाहाबाद उच्च न्यायालय)। आये हुए सभी विशिष्ट जनों ने कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की।
कुंभ के 6 पवित्र स्नानों पर आधारित 6 सत्र इस सेमिनार के क्रम का हिस्सा थे। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, DJJS) की साध्वी शिष्याओं द्वारा इन 6 व्यावहारिक व बौद्धिक सत्रों को प्रस्तुत किया गया।
इस अद्वितीय कार्यशाला की शुरुआत 'राष्ट्र निर्माण कुंभ' से हुई। मकर संक्रांति के प्रथम स्नान से जोड़कर इस सत्र में भारत के ज्वलंत सामाजिक मुद्दों और उनके समाधानों को शानदार ढंग से उजागर किया गया। प्रतिभागियों का हृदय देशभक्ति की तरंगों से झंकृत हो गया। साथ ही साथ दर्शकों ने यह सामूहिक प्रतिज्ञा भी धारण की कि वे राष्ट्र निर्माण के लिए अपना नि:स्वार्थ योगदान देंगे।
श्रृंखला के अगले सत्र में पौष पूर्णिमा के स्नान को स्वास्थ्य कुंभ के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसमें आये हुए सभी विशिष्ट अतिथियों एवं प्रयागराज के विख्यात शैक्षिक संस्थानों जैसे- यू.जी.आई, आई.आई.आई.टी, बी.बी.एस, एम.एन.एन.आई.टी, आई.ई.आर.टी, अलाहाबाद विश्वविद्यालय आदि के हज़ारों युवाओं ने विभिन्न हस्त मुद्राओं को सीखा और मंत्रों का उच्चारण किया। इसमें एरोबिक्स, उपयोगा और ताई-ची जैसी कई विशेष क्रियाओं से सभी ने लाभ प्राप्त किया।
मौनी अमावस्या के तीसरे स्नान पर आधारित 'मानसिक कुंभ' सत्र में अनियंत्रित मन से सम्बंधित अनेकानेक व्याधियों को बखूबी दर्शाया गया। इस विशेष सत्र में तर्कशील गतिविधियों और लाइव एक्सपेरिमेंट के माध्यम से Monkey Mind को Monk Mind बनाने का बेहतरीन फार्मूला उजागर किया गया।
श्रृंखला के अगले सत्र ने सभी प्रतिभागियों को डांडिया व गरबा की धुनों पर झूमने का अवसर दिया। 'कला कुंभ' नामक सत्र को 'बसंत पंचमी के चौथे स्नान' से जोड़कर, जीवन में उसकी सार्थकता पर प्रकाश डाला गया। बासंती होली की झूम धूम में सभी लोगों ने भरपूर आनंद लिया।
अगले सत्र में, 'माघ पूर्णिमा के पंचम स्नान' को 'कर्मयोग कुंभ' के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसमें टैरो कार्ड रीडिंग, रत्न पहनने जैसे उपचारों से जीवन की समस्याओं से निजात पाना, ज्योतिष-शास्त्र से पिछले जन्म के कर्मों से मुक्ति पाने जैसे पक्षों पर प्रकाश डाला गया। साथ ही, DJJS की इन-हाउस टीम द्वारा कॉमेडी नाटिकाओं के माध्यम से दर्शकों को इस विषय पर बेहतरीन अंदाज़ में संदेश दिया गया।
'वैज्ञानिक कुंभ’ के अंतिम सत्र में 'महाशिवरात्रि के छठे स्नान' के गणितीय, भौतिक शास्त्रीय एवं मनोवैज्ञानिक पहलुओं से सभी प्रतिभागियों को रूबरू करवाया गया। अंतर्घट में होने वाला बिग-बैंग, बाहरी संगम के समान हमारे अंतस में त्रिवेणी संगम का वेदांत- ऐसे बहुत से पहलुओं को विभिन्न संस्कृतियों से उदाहरण लेकर समझाया गया। इस सत्र ने सेमिनार में उपस्थित बुद्धिजीवी समाज को बेहद प्रभावित किया। अंत में परम वैज्ञानिक, आदियोगी शिव को समर्पित, संगीतमय समारोह ने सभी का मन जीत लिया।