शाश्वत भक्ति और आध्यात्मिकता की तकनीक, ब्रह्मज्ञान को जन - जन तक पहुंचाने केउद्देश्य से, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने कुरुक्षेत्र, हरियाणा में 18 से 24 फरवरी, 2025तक श्री कृष्ण कथा का कार्यक्रम आयोजित किया।

दिव्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या, कथा व्यास साध्वी सौम्या भारती जी नेभगवान श्री कृष्ण के हर कार्य में छिपी गहरी आध्यात्मिक बारीकियों का स्पष्ट रूप से वर्णनकिया। हर युग में "ब्रह्मज्ञान" के माध्यम से हमें आत्म साक्षात्कार कराने के लिए वह दिव्यसत्ता मानव रूप में अवतरित होती है।
प्रत्येक दिवस, श्री आशुतोष महाराज जी के ब्रह्मज्ञानी शिष्यों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण औरभगवान श्री कृष्ण के चरण कमलों में प्रार्थना से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। साध्वी जीने बताया कि श्री कृष्ण ने ईश्वर जिज्ञासुओं को ब्रह्मज्ञान द्वारा आत्म अनुभूति प्रदान की थी।उनका विश्वास आंतरिक अनुभूति की अटूट चट्टान पर सुदृढ़ बनाया था। उन्होंने ज़ोर देकरकहा कि गीता जैसे विभिन्न ग्रंथों में निहित आध्यात्मिक संदेशों को हम केवल एक सतगुरुकी शरण में जाकर ही समझ सकते हैं। कारण कि वे हमें ब्रह्मज्ञान प्रदान कर के ग्रंथों केतथ्यों को हमारे भीतर प्रत्यक्ष रूप में प्रकट कर देते हैं। तदोपरांत सारे भ्रम और संशय स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं।

साध्वी जी ने कहा कि समय के पूर्ण गुरु ब्रह्मज्ञान द्वारा आत्म साक्षात्कार करके अपने परमलक्ष्य की ओर अग्रसर होना ही मानव जन्म का एकमात्र उद्देश्य है। एक जाग्रत प्राणी हीवास्तव में सकारात्मकता, नि:स्वार्थता, शांति और गुणों की अभिव्यक्ति हुआ करता है, जोसमाज में सबसे बड़ी क्रांति ला सकता है।
कथा कार्यक्रम को पूरे क्षेत्र में उपस्थित लोगों द्वारा अपार सराहना मिली। इस कार्यक्रम नेलोगों को मानव जीवन के वास्तविक लक्ष्य को समझने और ब्रह्मज्ञान की राह पर चलने केलिए प्रेरित किया। सुमधुर एवं सारगर्भित भजनों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सभी नेकार्यक्रम की खूब सराहना की।