बोध- दिव्य ज्योति जागृति संस्थान का नशा उन्मूलन कार्यक्रम, सभी आयु, विशेषकर छात्रों और युवाओं के बीच नशीले पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम पर निरंतर कार्य कर रहा है।
इसी क्षमता में, 1400 से अधिक छात्रों और शिक्षकों को नशा के सेवन के हानिकारक परिणामों के बारे में शिक्षित करने के लिए देहरादून, उत्तराखंड के तुलाज इंस्टिट्यूट में "SAY NO" कार्यशाला का आयोजन किया गया | कार्यशाला में स्किट प्रदर्शन, वीडियो स्क्रीनिंग और लेक्चर जैसे इंटरैक्टिव और शिक्षाप्रद उपकरणों के माध्यम से, छात्रों को साथियों के दबाव (पीयर प्रेशर), परीक्षा की चिंता, हीन भावना आदि जैसी समस्याओं से निपटने के लिए शराब या सिगरेट जैसे नशीले पदार्थों पर निर्भर ना होने और अपने शिक्षकों और माता-पिता के साथ बात करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उन्हें समझाया गया कि कैसे ये गेटवे ड्रग्स मित्र मंडली या कार्यस्थलों में लोगों को “fit In” महसूस करवाने का दिखावा करते हैं, लेकिन अंत में एक व्यक्ति को अपने आप से और आसपास के सभी लोगों से दूर कर देते हैं। इस प्रकार, सबसे अच्छा विकल्प यही है की पहली बार हो या अन्य किसी भी बार, जब भी उनको नशीले पदार्थों के सेवन का प्रस्ताव दिया जाए तो - “SAY NO”|
कार्यक्रम में तुलाज इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ. संदीप विजय, डॉ. पवन कुमार, रजिस्ट्रार, डॉ. निशांत सक्सेना, डीन एकेडमिक्स, और डॉ. रनित किशोर, डीन मैनेजमेंट एंड एग्रीकल्चर और कई अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे । सभी संकायों और कर्मचारियों ने नशा उन्मूलन के क्षेत्र में बोध द्वारा किए गए प्रयासों की बहुत सराहना की।