विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में स्वतंत्रता और गणतंत्र गठन के वर्षों बाद भी अधिकांश हिस्सों में महिलाओं की स्थिति दयनीय है। देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। इनमें कन्या भ्रूण हत्या और महिलाओं के खिलाफ दुर्व्यवहार दो प्रमुख अपराध हैं। इस प्रकार के अपराधों का प्रमुख कारण वर्षों से चली आ रही समाज की रुढ़िवादी सोच है। जिसके चलते महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम समझा व मात्र बोझ या दायित्व ही माना जाता है।
यद्यपि यह स्थिति अत्यंत शोचनीय है, तदापि एक समाधान है जिसके द्वारा महिलाओं के प्रति अपराधों को रोक सकते हैं। इसी विषय में जागरूकता प्रदान करने हेतु, नारी शक्ति जागरण समिति ने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु चलाए जा रहे प्रकल्प - “संतुलन” के साथ 1 फरवरी, 2019 को कुंभ मेले, प्रयागराज में “जागो” शीर्षक से एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण रहें- कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ नाट्य प्रदर्शन, संगीतमय प्रस्तुतियाँ, कॉमेडी स्टैंडअप और साध्वी ओम प्रभा भारती जी का व्याख्यान। कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश प्रसारित किया गया कि मानव, स्त्री या पुरुष से पहले आध्यात्मिक प्राणी हैं। इसलिए, किसी भी व्यक्ति को लिंग के आधार पर निम्न मानना उचित नहीं है।
साध्वी जी ने विचारों में कहा कि सभी समस्याओं के समाधान हेतु गहराई से चिंतन करने की आवश्यकता है। लेकिन आंतरिक ज्ञान के अभाव में यह सम्भव नहीं है। आत्मिक स्तर पर जागरण तभी सम्भव है जब हम पूर्ण सतगुरु द्वारा ब्रह्मज्ञान को प्राप्त करें। ब्रह्मज्ञान, ईश्वर साक्षात्कार हेतु भारत की प्राचीन दिव्य पद्धति है। सतगुरु की कृपा द्वारा दिव्य नेत्र जागृत होता है, तथा मानव अपने विचारों व कार्यों के प्रभाव व परिणाम को समझ पाता है। तब मानव जीवन में उचित निर्णयों द्वारा न केवल महिलाओं बल्कि सभी प्राणियों के खिलाफ अमानवीय अपराध करने से स्वयं को रोक सकता है। ब्रह्मज्ञान द्वारा व्यक्ति, मानव जन्म के उद्देश्य को समझ सम्पूर्ण समाज के कल्याण हेतु प्रयासरत होने की भावना को सशक्त करता है। विचारों के अंत में साध्वी जी ने उपस्थित दर्शकों को ब्रह्मज्ञान प्राप्ति हेतु पूर्ण सतगुरु की शरणागति स्वीकार करने हेतु प्रेरित किया। समाज उत्थान व कल्याण हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान इसी महान ब्रह्मज्ञान को प्रदान करता है।
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