संस्कारशाला दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सम्पूर्ण शिक्षा प्रकल्प मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा एक मासिक कार्यशाला है जो 4 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आयोजित की जाती है। जून माह की संस्कारशाला का विषय “संवर्धन संस्कारशाला” था । ज्वलन्त संस्कारशाला का उद्देश्य है आज की युवा पीढ़ी को भारत के वीर स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, संघर्ष और बलिदान से अवगत कराया जा सके और युवाओं के मन में देशप्रेम की भावना जागृत हो सके।
![SAMVARDHAN SANSKARSHALA inculcating mindfulness into children | June 2023 | DJJS Manthan SVK](https://www.djjs.org/uploads/news/im_64c0a3304a25c.jpg)
जून 2023 में कुल 43 संवर्धन संस्कारशालाएँ आयोजित की गईं, जिनमें दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की शाखाओं के साथ-साथ विभिन्न स्कूलों जैसे- भूमिका फाउंडेशन, बेंगलुरु, कर्नाटक, श्री सालेश्वरप्राइमरी स्कूल, कर्नाटक और अभिनंदन स्पूर्ति धामा, तालुक रायचूर जिले, समेत लगभग 1669 बच्चे लाभान्वित हुए।
संवर्धन संस्कारशाला का आरम्भ मंथन कार्यकर्ताओं व विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक ध्यान व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारकों ने बच्चों के लिए माइंडफुलनेस-उन्मुख सत्र का आयोजन किया और साथ ही, बच्चों को एक स्वस्थ जीवनशैली के लाभ के बारे में विस्तार से बताया। कार्यकर्ताओं द्वारा उच्च ध्यान, पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम, और शुद्धता के महत्व को प्रमुखता दी साथ ही बच्चों को दिनचर्या में नियमितता के अभ्यास के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसमें ब्रह्म मुहूर्त में जागना, ध्यान के लाभ, सही श्वास लेने की तकनीक और प्रातः अध्ययन करने के महत्व को समझाया गया। प्रचारकों ने इसे इंटरैक्टिव वीडियो और प्रस्तुतियों के माध्यम से सरल शब्दों में समझाया।
![SAMVARDHAN SANSKARSHALA inculcating mindfulness into children | June 2023 | DJJS Manthan SVK](https://www.djjs.org/uploads/news/im_64c0a32ff0b36.jpg)
सत्र में बच्चों को सही शारीरिक मुद्राओं के बारे में भी बताया गया, सुनने के कौशल को बढ़ाना और सहपाठियों, परिवार और शिक्षकों के साथ पारस्परिक संबंध की भूमिका को विस्तार से समझाया गया। बड़े उत्साह के साथ इस सत्र में बच्चों ने भाग लिया। इस सत्र का उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों का निर्माण करना है जो आत्मविश्वासी, जागरूक, जिम्मेदार और प्रसन्न व्यक्तित्व के स्वामि हों। अंत में शांति पाठ और प्रार्थना के साथ कार्यशाला का समापन हुआ। सभी ने दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के चरण कमलों में विनम्र अभिवादन किया।