Read in English

 

Shri Krishna Katha Highlighted the Importance of a True Spiritual Teacher at Ludhiana, Punjab

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक व संचालक) की दिव्य कृपा से 24 से 28 अगस्त 2022 तक लुधियाना, पंजाब में पांच दिवसीय श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया गया। दिव्य व सुमधुर आध्यात्मिक भजनों और कथा वक्ता साध्वी त्रिपदा भारती जी द्वारा प्रसारित आध्यात्मिक रूप से उत्थान प्रदान करने वाले प्रवचनों ने श्रद्धालुओं को खूब आकर्षित किया।

साध्वी जी ने कहा कि श्री कृष्ण के जीवन की विभिन्न घटनाएं गूढ़ आध्यात्मिक अर्थ रखती हैं। वे हमें आंतरिक और बाहरी विकास के लिए सबसे अधिक लाभकारी निर्णय लेने में मदद करती हैं। ऐसा ही एक उदाहरण अर्जुन द्वारा लिए गए निर्णय का है।

Shri Krishna Katha Highlighted the Importance of a True Spiritual Teacher at Ludhiana, Punjab

साध्वी जी ने उपस्थित श्रोताओं से पूछा कि महाभारत युद्ध में अर्जुन और बाकी पांडव, कौरवों से क्यों जीते? उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महाभारत युद्ध से पहले, श्री कृष्ण ने अर्जुन और दुर्योधन के सामने एक विकल्प रखा। श्री कृष्ण ने दोनों से या तो उन्हें या उनकी सेना को चुनने के लिए कहा। दुर्योधन ने श्रीकृष्ण की सेना को चुना, जबकि अर्जुन ने श्रीकृष्ण को। श्रीकृष्ण की विशाल सेना की तुलना में शस्त्रविहीन कृष्ण एक साधारण विकल्प प्रतीत हो सकता है। फिर भी अर्जुन की जीत हुई। कारण यह कि श्रीकृष्ण कोई साधारण प्राणी नहीं थे। वह प्रबुद्ध व जागृत थे। उनके पास ब्रह्मज्ञान की दिव्य विद्या थी। इसी ज्ञान से उन्होंने अर्जुन को भी प्रबुद्ध व ज्ञानसम्पन्न किया। श्री कृष्ण का दिव्य मार्गदर्शन ही एकमात्र कारण था जिसने पांडवों को महाभारत युद्ध जीतने में मदद की। श्रीकृष्ण की सलाह से पांडवों ने ऐसे कार्य किए जो न केवल उनके लिए बल्कि पूरे समाज के लिए भी हितकारी सिद्ध हुए।

श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो दिव्य ज्ञान दिया वह आज भी प्राप्य है। उसके लिए आवश्यकता है एक सच्चे आध्यात्मिक मार्गदर्शक यानी जीवन में पूर्ण ब्रह्मनिष्ठ सतगुरु की उपस्थिति की। केवल पूर्ण गुरु ही हमें दिव्य दृष्टि प्रदान कर सकते हैं और सार्वभौमिक चेतना से हमें जोड़ सकते हैं। आध्यात्मिक शिखर पर विराजमान होने के कारण सतगुरु ही हमें अपने दिव्य मार्गदर्शन के माध्यम से आध्यात्मिक विकास करने में मदद कर सकते हैं। गुरु कोई साधारण मनुष्य नहीं। वह एक ऐसी दिव्य सत्ता है जो परमात्मा के साथ निरंतर संबंध में होते हैं। ऐसे गुरु की कृपा से हम अपने आप को बदल सकते हैं और दुनिया को शांतिपूर्ण बना सकते हैं।

साध्वी जी ने कथा का समापन करते हुए उपस्थित श्रोताओं से एक सच्चे गुरु की तलाश कर जीवन को हर तरह से दिव्य बनाने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होनें ऐसे जिज्ञासुओं के लिए कहा कि उनकी इस तलाश को पूर्णता तक पहुंचाने के लिए संस्थान के द्वार सबके लिए हमेशा खुले रहेंगे। इसलिए, सभी ईश्वर पिपासु जल्द से जल्द पूर्ण सतगुरु के दिशा निर्देश तले अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू करें।

Subscribe Newsletter

Subscribe below to receive our News & Events each month in your inbox