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भगवान श्री राम का धरा पर अवतरण सत्य की पुनर्स्थापना पर लक्षित है। वह समाज को वास्तविक धर्म से परिचित करवाने के लिए अवतरित हुए थे। श्री राम ने अपने जीवन चरित्र से एक श्रेष्ठ व आदर्श मानव जीवन की परिकल्पना को साकार कर दिया। विपरीत परिस्थितियों व प्रतिकूल समय में भी संतुलित व श्रेष्ठ मानव की भूमिका को पूर्ण करते हुए, उन्होंने पूरे मानव जाति के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी इन्ही विशेषताओं के कारण उनके पुरुषोत्तम कहा गया।

Shri Ram Katha Encouraging to Embrace Shri Ram’s Virtues at Pithoragarh, Uttarakhand

सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने 6 अगस्त से 12 अगस्त 2019 तक उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में श्री राम कथा का भव्य आयोजन किया।

कथा का वाचन सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या मानस मर्मज्ञा साध्वी श्यामा भारती जी द्वारा किया गया। कथा के माध्यम से साध्वी जी ने भगवान श्री राम के अनेक जीवन प्रसंगों को सुरुचिपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया व साथ ही वर्तमान में उनकी महत्ता और प्रासंगिकता पर बल दिया।

Shri Ram Katha Encouraging to Embrace Shri Ram’s Virtues at Pithoragarh, Uttarakhand

साध्वी जी ने रामचरितमानस ग्रंथ द्वारा श्रोताओं को भक्ति, दिव्य ज्ञान (ब्रह्मज्ञान) और मुक्ति आदि के विषय में बताया। साध्वी जी ने “बड़े भाग मानुष तन पावा। सुर दुर्लभ सद् ग्रन्थन्हि गावा” चौपाई की व्याख्या करते हुए बताया कि केवल मानव तन ही वह माध्यम है जिसके द्वारा जीवात्मा अपने सर्वोच्च लक्ष्य को सिद्ध करते हुए, जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो सकती है। इसलिए मानव जीवन भोग के लिए नहीं अपितु ईश्वर से योग हेतु प्राप्त हुआ है। 

कार्यक्रम में संत समाज ने प्रेरणादायक व भक्ति से ओतप्रोत भजनों का गायन किया। भक्ति संगीत से तरंगित दिव्य तरंगों ने वातावरण में दिव्यता व भक्तों के हृदय में भक्ति का संचार किया। कार्यक्रम का समापन भारतीय संस्कृति के अनुरूप यज्ञ द्वारा हुआ। अनेक जिज्ञासुओं ने ब्रह्मज्ञान की सनातन विधि द्वारा ईश्वर साक्षात्कार को प्राप्त किया।

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