गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) की दिव्य कृपा से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा गोशामहल पुलिस ग्राउन्ड, हैदराबाद, तेलंगाना में 10 से 16 दिसम्बर 2023 तक सात दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा का भव्य व मंत्रमुग्ध करने वाला कार्यक्रम आयोजित किया गया। कथा में स्थानीय व दूरवर्ती क्षेत्रों से असंख्य लोगों की उपस्थिति देखी गई। गुरुदेव के गायक शिष्यों द्वारा प्रस्तुत भावपूर्ण दिव्य भजनों ने संपूर्ण वातावरण को दिव्यता, पवित्रता व भक्ति भाव से भर दिया।
कथा व्यास साध्वी अदिति भारती जी ने श्लोकों सहित माँ शक्ति की दिव्य लीलाओं में निहित गहन आध्यात्मिक मर्मों का सुंदर व विवेकपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने समझाया कि माँ शक्ति ब्रह्मांड का सार हैं, समस्त जीवों की जननी और सभी पर विजय पाने वाली दिव्य ऊर्जा हैं। वह ब्रह्म की नारी रुप में अजेय शक्ति हैं। माँ को मुख्यता तीन रूपों में पूजा जाता है – माँ दुर्गा, माँ लक्ष्मी व माँ सरस्वती। माँ दुर्गा के दो विस्मयकारी रूप हैं... एक में वह मनुष्यों को अपनी करुणा, प्रेम व भक्ति से पोषित करती हैं और दूसरी में वह राक्षसों का संहार करती हैं। माँ लक्ष्मी मनुष्य को धन-धान्य व दिव्य गुणों से संपन्न करती हैं और माँ सरस्वती सभी को अनंत ज्ञान व विवेक प्रदान करती हैं। उन्होंने बताया कि माँ शक्ति को तत्व रूप से जानने के लिए प्रत्येक प्राणी को अध्यात्म का आरंभ ‘ब्रह्मज्ञान’ से करना होगा, जिसे समय के पूर्ण सतगुरु द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है। समस्त शास्त्र एक ही उद्घोष करते हैं कि ब्रह्मज्ञान ही वह एकमात्र शाश्वत विधि है जो भक्ति-पथ की ओर बढ़ा प्रथम चरण है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई मार्ग नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज समाज में यह धारणा प्रचलित है कि ईश्वर को देखा नहीं जा सकता। परंतु भक्ति-पथ का प्रथम चरण पूर्ण सतगुरु से ब्रह्मज्ञान की दीक्षा लेते समय तत्क्षण ईश्वर की अंतरानुभूति से आरंभ होता है, अतः यह स्पष्ट है कि ‘ईश्वर को देखा जा सकता है’। आज श्री आशुतोष महाराज जी ने असंख्य जिज्ञासुओं को वही ब्रह्मज्ञान प्रदान कर उन्हें उनके अंतर्घट में ईश्वर का प्रत्यक्ष अनुभव करवाया है।
कथा में बहुत से गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति देखी गई। प्रमुख समाचार पत्रों द्वारा कार्यक्रम का उल्लेख किया गया। डीजेजेएस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 13 से 19 दिसम्बर 2023, प्रातः 10 से 1 बजे व सायंकाल 7 से 10 बजे (भारतीय समय) कार्यक्रम का वेबकास्ट भी प्रसारित किया गया।
कथा उपस्थित श्रद्धालुओं में आध्यात्मिकता का बीजारोपण करने में सफल सिद्ध हुई। कथा व्यास जी ने सारांशित करते हुए कहा कि सत्य-पथ के साधकों के लिए डीजेजेएस के द्वार सदैव खुले रहेंगे। श्रोताओं ने सरल भाषा में कथा के शास्त्र आधारित वैज्ञानिक प्रस्तुतीकरण के लिए डीजेजेएस का अभिनंदन किया, जिससे उन्हें ग्रंथों के क्लिष्ट विवरणों को समझने में सहायता मिली। कथा से प्रेरित हो उपस्थित कई श्रद्धालुओं ने अध्यात्म के प्रथम चरण- ब्रह्मज्ञान के प्रति गहरी रुची दिखाई।