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विश्व भर में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा संचालित सभी शाखाओं में आयोजित गुरु पूजा उत्सव ने शिष्यों में आनंद और उत्साह का संचार किया। इस पर्व द्वारा आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करने हेतु और गुरुदेव के साथ अपने बंधन को सशक्त बनाने के लिए शिष्य वर्षभर इस पर्व की प्रतीक्षा करते हैं। अहमदाबाद, अमरावती, बरेली, चाकन, गोरखपुर,पिथौरागढ़, डुंगरपुर, बैंगलोर, जयपुर, लातूर, पाथर्डी, पौड़ी, पिथोरागढ़, सरायपाली, यूनाइटेड किंगडम व देश भर की कई अन्य शाखाओं ने पूर्ण भव्यता से गुरुपूर्णिमा पर्व को मनाया।

Guru Purnima Celebrated with Fervor and Devotion All Over the Globe

जैसे-जैसे शिष्य अपने गुरु के साथ भक्ति संबंध को दृढ़ करता है वैसे-वैसे ही गुरुदेव भी अपने शिष्यों को अध्यात्म के उन्नत शिखर प्रदान करते है। इस दिन शिष्य की समस्त भावनाएं व भाव मात्र अपने गुरु को अर्पित होते है। सतगुरु अपने सच्चे शिष्यों की हृदय भावनाओं को स्वीकार कर उन्हें भक्ति रत्न प्रदान करते है। इसलिए यह दिवस सच्चे शिष्य के लिए गुरु की दिव्यता का साक्षत्कार व अनुभव करने का मार्ग है।    

भक्त अपनी स्थानीय शाखाओं द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में उपस्थित हो व सहयोगी बन लाभान्वित होते हैं। इस दिन कई शिष्य निःस्वार्थ रूप से सेवा करके अपनी गुरु भक्ति को चित्रित करते हैं, तो अन्य गहन ध्यान द्वारा गुरु की दिव्यता से जुड़ते है व अन्य शिष्य सतगुरु की पूजा में लीन रहते हैं। इन माध्यमों से, सभी शिष्य मार्ग में आने वाली बाधाओं से जूझने हेतु अथाह उत्साह को प्राप्त करते है।

न केवल भक्त बल्कि प्रकृति भी इस दिन को मानती है। चंद्रमा, पृथ्वी पर शीतलता प्रदान करने हेतु पूर्ण आकार लेता है तो पृथ्वी वर्षा से कठोरता का त्याग कर नरम हो जाती है, वायु शीतलता को धारण सभी को आनंद प्रदान करती है और सूर्य भी अपने तेज से वातावरण में सौन्दर्य और समृद्धता भर देते है।

सर्व श्री आशुतोष महाराज जी ने प्रत्येक अनुयायी के भीतर उस निःस्वार्थता के भाव को जागृत किया है जिसका अभाव आज सम्पूर्ण समाज में है, इसलिए प्रत्येक केंद्र द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम व्यक्तियों के साथ-साथ समाज को भी लाभान्वित करता है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अनेक स्तरों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए ताकि सभी शिष्य गुरु भक्ति की रसधार में भीग पाएं। ॐ श्री आशुतोशाय नमः मंत्र से गुंजित सभी दिशाएं गुरुदेव के चरणों में वंदन आर्पित करती है|  दुनिया भर में आयोजित कार्यक्रमों में वेद-मंत्रोच्चारण, भक्ति संगीत, ध्यान सत्र और प्रवचन आदि सत्र शामिल रहे। कार्यक्रम में भाग लेने वालों के लिए अंत में दिव्य प्रसाद रूप भंडारे की भी व्यवस्था रही। 

Guru Purnima Celebrated with Fervor and Devotion All Over the Globe

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